मध्य प्रदेश के किसानों के लिए बड़ी खबर, सोयाबीन के लिए भावांतर योजना लागू होगी, CM बोले- सरकार घाटे की करेगी भरपाई
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव(File Photo)
MP News: मध्य प्रदेश के किसानों के लिए बड़ी खबर है. मोहन सरकार प्रदेश में सोयाबीन के लिए भावांतर योजना लागू करेगी. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इसको लेकर जानकारी दी है. इस साल से ही सोयाबीन के किसानों को भावांतर योजना का लाभ मिलेगी. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘अगर MSP से कम कीमत पर सोयाबीन बिकता है तो हमारी सरकार इस योजना के तहत किसानों के घाटे की भरपाई करेगी.’
किसान संघों ने सरकार को दिया था सुझाव
दरअसल किसान संघों के सुझाव पर राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है. इस वर्ष से ही सोयाबीन के किसानों को भावान्तर का लाभ दिया जाएगा. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि किसानों का कल्याण मध्यप्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए भावान्तर योजना लागू की जा रही है. किसानों को किसी भी हालत में घाटा नहीं होने देंगे.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारी सरकार किसानों को सोयाबीन का उचित मूल्य दिलवाने के लिए प्रतिबद्ध है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोयाबीन के लिए एमएसपी प्रति क्विंटल 5328 रुपए घोषित की है. किसान संघों के सुझाव पर राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि इस वर्ष सोयाबीन के किसानों को भावान्तर का लाभ दिया जाएगा.
किसानों का कल्याण प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) September 25, 2025
मध्यप्रदेश में सोयाबीन के लिए 'भावांतर योजना' लागू होगी। अगर MSP से कम कीमत पर सोयाबीन बिकता है तो हमारी सरकार इस योजना के तहत किसानों के घाटे की भरपाई करेगी। pic.twitter.com/Iaa6eRLgZc
भावांतर योजना में पंजीयन होगा आवश्यक
किसान पहले की तरह ही मंडियों में सोयाबीन का विक्रय करेगा. अगर एमएसपी से कम कीमत पर सोयाबीन बिकता है तो किसानों के घाटे की भरपाई भावान्तर योजना के तहत सरकार द्वारा की जाएगी. फसल के विक्रय मूल्य और न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP के अन्तर की राशि सीधे सरकार देगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि भावांतर योजना में किसानों के पंजीयन की प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ की जा रही है.
ऐसे होगा क्षतिपूर्ति का आकलन
अगर मंडी में औसत गुणवत्ता की कृषि उपज का विक्रय मूल्य न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम हो लेकिन राज्य सरकार द्वारा घोषित औसत मॉडल भाव से अधिक हो तो किसान को केवल न्यूनतम समर्थन मूल्य और वास्तविक बिक्री मूल्य के अंतर की क्षतिपूर्ति दी जाएगी.
अगर मंडी में कृषि उपज का विक्रय मूल्य राज्य सरकार द्वारा घोषित औसत मॉडल भाव से भी कम हो तो किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य और घोषित औसत मॉडल भाव के अंतर की क्षतिपूर्ति दी जाएगी.
‘किसानों के साथ सदैव खड़ी है राज्य सरकार‘
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पूर्व में भी फसलों की क्षति पर किसानों को राहत राशि प्रदान की गई है. किसान हितैषी निर्णय पहले भी लिए गए हैं. बाढ़ से प्रभावित किसानों को भी सहायता दी गई. सकंट की घड़ी में किसानों के साथ सरकार सदैव खड़ी है. पीले मोजेक से हुए नुकसान के लिए भी सर्वे करवाया जा रहा है. किसानों को प्रभावित फसलों के लिये आवश्यक राहत प्रदान करेगी.
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