इकलौते बेटे पवन भदौरिया की शहादत की खबर सुन बेसुध हुए माता-पिता, 2 साल की बेटी कर रही पिता का इंतजार
मध्य प्रदेश के भिंड में दो साल की मासूम को अपने पिता से मिलने का इंतजार है. लेकिन वो नहीं जानती है कि उसके पिता देश के लिए शहीद हो चुके हैं. वो कभी लौटकर नहीं आएंगे, बस उनका शरीर तिरंगे में लिपटकर वापस आएगा. दरअसल छत्तीसगढ़ के सुकमा और बीजापुर के सीमावर्ती क्षेत्र टेकलगुडेम में हुई मुठभेड़ तीन जवान शहीद हो गए हैं, जिसमें भिंड के पवन भदौरिया भी हैं. उनका परिवार ग्वालियर में रहता है. पवन अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे. उनकी दो साल की बेटी भी है. शहादत की सूचना मिलते ही उनकी पत्नी और माता-पिता बेसुध हो गए हैं.
हर दिन परिवार से बात करते थे पवन
शहीद पवन भदौरिया की शादी साल 2018 में हुई थी. उनकी पत्नी दो साल की बेटी और उनके माता-पिता के साथ ग्वालियर के मोती झील इलाके में रहती हैं. उनके पिता रामकुमार सिंह भदोरिया ने बताया कि पवन हर दिन परिवार को फोन किया करते थे. मुठभेड़ के एक दिन पहले भी उन्होंने पिता से लंबी बातचीत की थी. परिवार के इकलौते बेटे होने के कारण वो परिवार की जिम्मेदारी भी निभाते थे. आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में हुई मुठभेड़ के दौरान 3 जवान शहीद हो गए और 15 जवान घायल हो गए थे.
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राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार
शहीद पवन भदौरिया का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा. सूचना ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर शहीद के परिवार से मिलने भी पहुंचे. उन्होंने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि बहुत कम लोग ऐसे नसीब वाले होते हैं, जिन्हें भारत माता की रक्षा करने का मौका मिलता है. आज ग्वालियर और चंबल का हर युवक यही चाहता है कि वो भी देश के लिए वह देश की रक्षा करने के लिए बॉर्डर पर तैनात हो.