Bhopal Gas Tragedy की बरसी पर राज्यपाल और सीएम ने संवेदना जताई, श्रद्धांजलि सभा का भी आयोजन किया गया

Bhopal Gas Tragedy: आज भोपाल गैस कांड की 40वीं बरसी है. प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल और सीएम डॉ. मोहन यादव ने श्रद्धांजलि अर्पित की है. पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की
Governor and CM expressed condolences on Bhopal gas tragedy

भोपाल गैस त्रासदी की 40वीं बरसी पर श्रद्धांजलि दी गई

Bhopal Gas Tragedy: आज भोपाल गैस कांड की 40वीं बरसी है. प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल और सीएम डॉ. मोहन यादव ने श्रद्धांजलि अर्पित की है. पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की.  सीएम ने सोशल मीडिया साइट एक्स (X) पर लिखा कि भोपाल गैस त्रासदी की बरसी पर उन दिवंगत आत्माओं को सादर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिनके जीवन का असमय अंत इस त्रासदी में हुआ. जहरीली गैस के प्रभावित नागरिकों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं. ईश्वर आपको उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करें.

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने त्रासदी के पीड़त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की. सोशल मीडिया साइट एक्स(X) पर राज्यपाल ने लिखा कि भोपाल में हुई भीषण गैस त्रासदी में दिवंगत आत्माओं के प्रति भावपूर्ण श्रद्धांजलि एवं इस त्रासदी से प्रभावित लोगों के प्रति मेरी आत्मीय संवेदनाएं.

 

इस दिन को लेकर प्रदेश में लोकल हॉलीडे घोषित किया गया है. इस भयानक त्रासदी को लेकर सोमवार यानी 2 दिसंबर को गैस पीड़ितों और उनके परिजनों से जुड़े संगठनों ने कई श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किए. गैस कांड के शिकार लोग और उनके समर्थक इस मौके पर एकजुट हुए और अपनी आवाज उठाई.

गैस पीड़ितों से जुड़े सात से अधिक संगठनों ने मशाल रैली और श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया. गैस कांड के पीड़ितों और उनके परिवारों ने यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के सामने बने स्मारक पर इकट्ठा होकर मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की.

भोपाल गैस कांड की बरसी पर निकाली मशाल रैली

इस दौरान वे लोग भी उपस्थित थे जिन्होंने इस त्रासदी के दौरान अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया और अब खुद भी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं.
गैस कांड के शिकार लोगों और उनके परिवारों की पीड़ा 40 साल बाद भी ताजे जख्मों की तरह है. इन लोगों ने अपनी संघर्ष यात्रा को जारी रखा है और इस मौके पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ-साथ अपने हक की आवाज भी उठाई.

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ये संगठन मशाल रैली में शामिल रहे

इस दिन को और महत्वपूर्ण बनाने के लिए भोपाल गैस पीड़ित महिला-पुरुष संघर्ष मोर्चा, भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशनभोगी संघर्ष मोर्चा, स्टेशनरी कर्मचारी संघ, और भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन जैसी संस्थाओं ने अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए. इन कार्यक्रमों में मोमबत्तियां जलाकर मृतकों को श्रद्धांजलि दी गई और साथ ही गैस पीड़ितों के अधिकारों की आवाज भी उठाई गई.

कई और समस्याओं से परेशान हैं रहवासी

भोपाल गैस कांड के पीड़ितों का दर्द केवल गैस से हुई त्रासदी तक सीमित नहीं है. गैस कांड के 40 साल बाद भी उनके सामने गंभीर समस्याएं हैं. गैस कांड के बाद फैक्ट्री के पास का क्षेत्र जहरीले कचरे से भर गया है, जिससे आसपास के पांच किलोमीटर दायरे का पानी दूषित हो गया है. शाहवर खान, भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन के संयोजक ने बताया कि आज भी हजारों लोग दूषित पानी पीने के कारण गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं.

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इसके बावजूद सरकारी ध्यान की कमी से गैस पीड़ितों की समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं. खान ने यह भी कहा कि सरकार को इन पीड़ितों के स्वास्थ्य के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए और उनका इलाज बेहतर तरीके से करना चाहिए.

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