भोपाल से इंदौर के बीच बनेगा एक्सप्रेसवे, कम होगी 50 किमी की दूरी, केवल 2 घंटे में सफर होगा पूरा

MP News: भोपाल-इंदौर हाईस्पीड एक्सप्रेस-वे से यात्रा का समय 4 घंटे से घटकर केवल 2 घंटे रह जाएगा. इससे औद्योगिक विकास, रोजगार और कनेक्टिविटी को नई दिशा मिलेगी.
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सांकेतिक तस्‍वीर

MP News: भोपाल और इंदौर के बीच सफर अब पहले से कहीं तेज़ और आसान होने जा रहा है. मध्य प्रदेश सरकार ने दोनों शहरों को जोड़ने के लिए हाईस्पीड एक्सप्रेस-वे परियोजना को अंतिम मंजूरी दे दी है. इस एक्सप्रेस-वे के बनने से दोनों शहरों के बीच की दूरी लगभग 50 किलोमीटर कम हो जाएगी और सफर का समय साढ़े तीन से चार घंटे से घटकर केवल डेढ़ से दो घंटे रह जाएगा.

क्यों जरूरी है नया एक्सप्रेस-वे?

मौजूदा भोपाल-इंदौर हाईवे पर प्रतिदिन 30,000 से अधिक वाहन चलते हैं, जिससे ट्रैफिक दबाव और दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ रही है. सीहोर, आष्टा और सोनकच्छ जैसे कस्बों में दोपहिया और ट्रैक्टर-ट्रॉली के कारण अक्सर जाम की समस्या बनी रहती है. मेहतवाड़ा, डोडी और कुबेरेश्वर धाम जैसे स्थानों पर तो वाहनों की लंबी कतारें लग जाती हैं. यही कारण है कि नया हाईस्पीड एक्सप्रेस-वे बेहद जरूरी हो गया था.

योजना और निर्माण की प्रक्रिया

इस 148 किलोमीटर लंबे हाईस्पीड एक्सप्रेस-वे को नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) भारत माला परियोजना के तहत विकसित करेगी. एक्सप्रेस-वे का रूट तय हो चुका है, जो भोपाल के वेस्टर्न बायपास से शुरू होकर इंदौर के एमआर-10 तक जाएगा. इस दौरान यह भोपाल, सीहोर और देवास जिलों की सात तहसीलों से होकर गुज़रेगा. इसके लिए करीब 1100 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जाएगी, जिसमें सरकारी, वन और आंशिक निजी भूमि शामिल होगी. भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया राज्य सरकार पूरी करेगी और प्रभावित लोगों को मुआवजा केंद्र सरकार उपलब्ध कराएगी. सरकार का लक्ष्य है कि इस परियोजना को सिंहस्थ 2028 से पहले पूरा कर यात्रियों के लिए शुरू किया जाए.

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होने वाले फायदे

इस एक्सप्रेस-वे से न केवल समय और ईंधन की बचत होगी बल्कि औद्योगिक क्षेत्रों को भी बड़ा लाभ मिलेगा. पीथमपुर और मंडीदीप जैसे औद्योगिक हब की दूरी लगभग 50 किलोमीटर कम हो जाएगी, जिससे नए उद्योगों की स्थापना और निवेश के अवसर बढ़ेंगे. इससे बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन होगा और मध्य प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों को नई गति मिलेगी. बेहतर कनेक्टिविटी मिलने से व्यापार, उद्योग और पर्यटन क्षेत्र को भी मजबूती मिलेगी.

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