Bhopal News: सौरभ शर्मा को कोर्ट से बड़ा झटका, अग्रिम जमानत याचिका हुई खारिज
Bhopal News: मध्य प्रदेश के ‘धन कुबेर’ पूर्व RTO आरक्षक सौरभ शर्मा ने लुक आउट नोटिस जारी होने के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी. इस पर 27 दिसंबर को भोपाल कोर्ट में सुनवाई होनी थी. लेकिन, सुनवाई से पहले ही कोर्ट ने सौरभ शर्मा की याचिका को खारिज कर दिया है.
सौरभ शर्मा की जमानत याचिका खारिज
पूर्व RTO कांस्टेबल सौरभ शर्मा ने गिरफ्तारी से बचने के लिए भोपाल कोर्ट में लगाई में अग्रीम जमानत याचिका लगाई थी. इस याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होनी थी. सौरभ के वकील ने भोपाल के विशेष न्यायालय में याचिका लगाई थी, जिसे विशेष न्यायाधीश राम प्रसाद मिश्र की अदालत ने खारिज कर दिया है.
सौरभ शर्मा को लुक आउट नोटिस
आयकर विभाग ने सौरभ के खिलाफ लुक आउट सर्क्यूलर (LOC) जारी किया है. ऐसे में अब सौरभ शर्मा देश छोड़कर नहीं जा सकेगा. अगर विदेश भागने की कोशिश करता है तो एयरपोर्ट पर ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा. आयकर विभाग और लोकायुक्त पुलिस दोनों सौरभ शर्मा के खिलाफ सख्त कार्रवाई में जुटे हुए हैं.
क्या है सौरभ शर्मा केस ?
19 दिसंबर को लोकायुक्त की टीम ने सौरभ शर्मा के ठिकाने पर छापेमारी की थी. राजधानी भोपाल के पॉश इलाके अरेरा कॉलोनी में की गई कार्रवाई में 234 किलो चांदी और करीब 8 करोड़ रुपए बरामद किए गए थे. इसके बाद दूसरी एजेंसियों ने सौरभ पर शिकंजा कसा. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कार्रवाई करते हुए मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था. इसके साथ ही DRI ने भी मामले दर्ज किया था.
जंगल से मिला 54 किलो सोना
छापेमारी के कुछ दिनों बाद भोपाल के मेंडोरी जंगल में 54 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए कैश मिले थे. इस मामले में जब आयकर विभाग की जांच आगे बढ़ी तो एक डायरी और कुछ दस्तावेज मिले, जिससे कई चौंकाने वाले खुलासे हुए. इस मामले में आयकर विभाग की बड़े पैमाने पर छापेमारी के बाद जांच जारी है. डायरी में 100 करोड़ रुपए के लेन-देन का जिक्र है. इसमें प्रदेश के 52 जिलों के RTO अधिकारियों को पैसे देने की बात है. किस अधिकारी को कितना पैसा दिया गया, इसका भी लेखा-जोखा है.
काली कमाई के नए-नए खुलासे
जांच के दौरान सौरभ शर्मा द्वारा साल 2015 में सवा दो करोड़ रुपए में एक बंगला खरीदने का खुलासा हुआ, जिसकी वर्तमान में कीमत 7 करोड़ बताई जा रही है. इसके अलावा उसकी काली कमाई को लेकर लगातार नए-नए खुलासे हो रहे हैं.
सौरभ शर्मा की नियुक्ति पर सवाल
सौरभ शर्मा कि नियुक्ति को लेकर नियमों को दरकिनार करने की बात सामने आई. जांच में सामने आया कि सौरभ शर्मा के पिता राकेश शर्मा स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सा अधिकारी के पद पर कार्यरत थे. 2015 में उनकी मृत्यु के बाद सौरभ ने स्वास्थ्य विभाग में अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया था, लेकिन वह नियुक्ति के लिए पात्र नहीं था. इस वजह से उसे नौकरी नहीं मिल सकी. इसके बाद नियमों को दरकिनार कर उसे परिवहन विभाग में अनुकंपा नियुक्ति दे दी गई.