मेधावी छात्रों को लैपटॉप देने का मामला, कांग्रेस MLA के सवाल पर सरकार का जवाब- एफडी तुड़वाकर दी गई 297 करोड़ की राशि

MP News: सरकार की ओर से जवाब देते हुए कहा कि दो बार एफडी तुड़वाकर 297 करोड़ रुपये स्कूल शिक्षा विभाग को दिए. एफडी की राशि से विद्यार्थियों को लैपटॉप बांटे गए
Bhopal: Government broke FD and gave the amount of laptop scheme

भोपाल: सरकार ने एफडी तुड़वाकर दी लैपटॉप योजना की राशि

MP News: मंगलवार को मध्य प्रदेश विधानसभा सत्र का 6वां दिन रहा. सदन में अलग-अलग मुद्दों को लेकर चर्चा हुई. चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक प्रताप सिंह ग्रेवाल ने सरकार से पूछा कि सरकारी नौकरी के लिए परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थियों से ली गई फीस की राशि से मेधावी छात्रों को लैपटॉप बांटे गए. इस सवाल का लिखित जवाब मिला है जिसमें सरकार ने दो बार एफडी तुड़वाकर स्कूल शिक्षा विभाग को पैसे दिए. जिसका उपयोग लैपटॉप बांटने के लिए किया गया.

स्कूल शिक्षा विभाग को 297 करोड़ रुपये दिए गए

विधानसभा सत्र के लिए कांग्रेस विधायक प्रताप सिंह ग्रेवाल ने मेधावी छात्रों को बांटे गए लैपटॉप के बारे में सवाल पूछा था. उन्होंने पूछा था कि क्या सरकारी नौकरी के लिए परीक्षाओं में बैठने वाले अभ्यर्थियों से ली गई फीस की राशि से से मेधावी छात्रों को लैपटॉप बांटे गए. सरकार की ओर से इसका लिखित जवाब दिया गया है.

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सरकार की ओर से जवाब देते हुए कहा कि दो बार एफडी तुड़वाकर 297 करोड़ रुपये स्कूल शिक्षा विभाग को दिए. एफडी की राशि से विद्यार्थियों को लैपटॉप बांटे गए. कर्मचारी चयन मंडल की बैंक में जमा एफडी 500 करोड़ से 200 करोड़ रह गई है. मध्य प्रदेश में सरकारी भर्ती की परीक्षा कर्मचारी चयन मंडल करवाता है. कर्मचारी चयन मंडल परीक्षाओं का खर्च परीक्षार्थियों से ली गई फीस से ही वहन करता है. पिछले 9 साल में करीब डेढ़ करोड़ अभ्यर्थियों ने सरकारी भर्ती दी. सरकारी भर्ती परीक्षा निशुल्क कराने पर फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है.

पहले भी चर्चा में रहे हैं प्रताप सिंह ग्रेवाल

प्रताप सिंह ग्रेवाल वर्तमान में धार जिले के सरदारपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं. वे तीन बार के विधायक है. इससे पहले उन्होंने विधानसभा की कार्यवाही का लाइव प्रसारण का मुद्दा उठाया था. उन्होंने कहा था कि राज्यसभा, लोकसभा और अन्य राज्यों की कार्यवाही का लाइव प्रसारण होता है तो मध्य प्रदेश विधानसभा का क्यों नहीं. इसके अलावा लाडली बहना योजना में अपात्र महिलाओं का मुद्दा भी उठाया था.

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