‘भारत हिंदू राष्ट्र ही होना चाहिए…’ धीरेंद्र शास्त्री के बाद प्रमाण सागर जी महाराज ने उठाई मांग
प्रमाण सागर जी महाराज
Bhopal (रंजना दुबे): प्रसिद्ध कथावाचक पंडित धीरंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) के बाद भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग उठाई है. भोपाल पहुंचे प्रमाण सागर जी महाराज (Praman Sagar Ji Maharaj) ने कहा कि भारत हिंदू राष्ट्र ही होना चाहिए. इसके अलावा उन्होंने वक्फ बोर्ड और शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद की मुहिम को लेकर भी बयान दिया.
शंका समाधान का आयोजन
मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल के आवास पर शंका समाधान कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रमाण सागर जी महाराज भी पहुंचे. कार्यक्रम को लेकर प्रमाण सागर जी महाराज ने कहा कि शंका समाधान नियमित कार्यक्रम है, जो पिछले 12 सालों से लगातार चल रहा है. सारी दुनिया के लोगों से पसंद करते हैं. आज का शंका समाधान विशिष्ट है. एक विशिष्ट व्यक्ति के आवास पर हुआ. प्रहलाद पटेल एक राजनेता हैं, एक धार्मिक इंसान और गुरु भक्त भी हैं. वह सात्विकता से जुड़े हुए हैं.
‘भारत हिंदू राष्ट्र ही होना चाहिए’
भारत के हिंदू राष्ट्र घोषित करने के सवाल पर प्रमाण सागर जी महाराज ने कहा-‘भारत हिंदू राष्ट्र होना ही चाहिए. हिंदू कोई जाति वर्ग विशेष नहीं है. हिंदू वह जो हिंसा से दूर है. भारत हमेशा हिंदुओं का है. यह हिंसा से मुक्त हो और हिंदू राष्ट्र घोषित हो.’
वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को लेकर बोले
वक्फ संशोधन कानून को लेकर प्रमाण सागर जी महाराज ने कहा- ‘मुझे इसके बारे में ज्यादा कुछ जानकारी नहीं. अगर समाज और देश के हित में कोई भी काम किया जाए तो हम सबको सकारात्मक भूमिका में होना चाहिए.’
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के गौ मांस और संरक्षण की मुहिम बोले
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के गौ मांस और संरक्षण की मुहिम पर कहा- ‘यह भारत के लिए कलंक है कि भारत जैसे अहिंसा वादी देश में मांस निर्यात हो रहा है और यहां के चूल्हे की पहली रोटी गाय के लिए होती है. गाय के अस्तित्व प्रश्न हो रहा है. यह बिल्कुल ठीक नहीं है. मैं समर्थन करता हूं कि मांस निर्यात पर प्रतिबंध होना चाहिए. गौ माता को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए. ऐसा तो बहुत पहले ही हो जाना चाहिए था.’
सनातन की सभी शाखाओं के एकता के सवाल पर क्या बोले?
सनातन की सभी शाखाओं के एकता के सवाल पर कहा- ‘हिंदू हम सब एक हैं. एक ही संस्कृत में जीने वाले लोग हैैं. हर भारतीय का दार्शनिक एक है. हम सबका डीएनए एक ही है. हम भारतीयता के पोषक हैं. भारत में रहने वाले लोग ही भारतीयता को बढ़ाने के लिए पहल करते हैं. हमको इसके लिए एक होना चाहिए.’