बीजेपी MLA उमाकांत शर्मा ने छोड़ी सैलरी और भत्ता, बोले- जनता की सेवा बिना सरकारी पैसे के भी हो सकती है, जानें क्या है पूरा मामला

बीजेपी विधायक उमाकांत भार्गव ने किया ऐलान- सैलरी और भत्ता नहीं लेंगे
BJP MLA Umakant Sharma: मध्य प्रदेश के सिरोंज से बीजेपी विधायक उमाकांत शर्मा (BJP MLA Umakant Sharma) ने बड़ा ऐलान करते हुए सैलरी और भत्ता छोड़ने की घोषणा की है. शर्मा ने कहा कि जनता की सेवा बिना सरकारी पैसे की भी की जा सकती है. उन्होंने आगे कहा कि वे दीनदयाल उपाध्याय के आदर्शों को मानने वाले विधायकों में से हैं.
‘बिना सरकारी पैसे के भी जनता की सेवा संभव’
सिरोंज से बीजेपी विधायक उमाकांत भार्गव विधानसभा में पीएम आवास के बारे में कह रहे थे. तभी एक विधायक ने कहा कि आप भी सैलरी लेते हैं तो इस बात पर उन्होंने कहा कि आज मैं भी तनख्वाह लेना छोड़ रहा हूं. मैं प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री राहत कोष में मैं अपना वेतन दूंगा और आप भी दें. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जनता की सेवा बिना सरकारी पैसे की भी की जा सकती है.
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क्या है पूरा मामला?
विधायक उमाकांत शर्मा ने विधानसभा में कह रहे थे कि मेरे शहर में प्रधानमंत्री आवास जो स्वीकृत हुए हैं और निर्मित भी किए गए हैं. आइये विपक्ष के मित्रों, नेता प्रतिपक्ष जी आप जो उखड़े-उखड़े लगते हो. आप में उमंग और उत्साह कम सा लग रहा है. कटारे जी माननीय सदस्य कह रहे थे कि हमारे लिये भवन बनवाओ आपके संसदीय कार्य मंत्रालय के तहत विधान सभा का यह विषय भी आता है.
उन्होंने आगे कहा कि क्यों बनवाएं विधायकों का ठेका है क्या ? सांसदों का ठेका है क्या? हमने राजनीति सेवा के लिये चुनी है. उन्होंने प्रसिद्ध कवि बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ की कविता की पंक्तियों को दोहराया कि कौन बनाये घरोंदा हाथों चुन-चुन माटी, ठाट फकीराना है, अपना बाघंबर सोहे अपने तन, हम अनिकेतन हम अनिकेतन.
उमाकांत शर्मा ने आगे कहा कि राजनीति सेवा के लिए की जा रही है. इसका आदर्श जिनके पास स्वयं का घर नहीं, हमारे प्रधानमंत्री हैं. स्वयं हमारे लिये, माननीय विधायकों के लिये, सांसदों के लिये ईमानदारी से तनख्वाह लेना भी छोड़ रहे हैं.
तभी एक विधायक ने कहा कि आप भी सैलरी लेते हैं तो इस बात पर उन्होंने कहा कि आज मैं भी तनख्वाह लेना छोड़ रहा हूं. मैं प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री राहत कोष में मैं अपना वेतन दूंगा और आप भी दें. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जनता की सेवा बिना सरकारी पैसे की भी की जा सकती है.
बीजेपी MLA उमाकांत शर्मा ने छोड़ी सैलरी और भत्ता, बोले- जनता की सेवा बिना सरकारी पैसे के भी हो सकती है, जानें क्या है वजह