Bhopal: जवाहर बाग से तुर्किये नहीं जाएंगे आम, नरसिग समेत 20 तरह के आमों की होती है पैदावार

Boycott Turkiye: भोपाल के फेमस जवाहर बाग से आम इस बार तुर्किये नहीं भेजे जाएंगे. देश में तुर्किये के खिलाफ माहौल के कारण ये फैसला लिया गया. हर साल जवाहर बाग से आम चीन, जापान और तुर्किये समेत खाड़ी देशों में आम निर्यात किए जाते हैं
Boycott Turkey: Turkey mangoes will not be exported from Bhopal's famous Jawahar Bagh (File Photo)

सांकेतिक तस्वीर

Boycott Turkiye: पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद भारत ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में 9 आतंकी ठिकानों पर मिसाइल स्ट्राइक किया. इसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) नाम दिया गया. इसके बाद से भारत और पाक के बीच तनाव है. तुर्किये और अजरबैजान जैसे देशों ने आतंकी समर्थक पाकिस्तान का साथ दिया. इसके बाद से ही पूरे देश में दोनों देशों के खिलाफ लोगों में गुस्सा है. लोग तुर्किये आने वाले सामान का विरोध कर रहे हैं. पहले ही भारतीय व्यापारियों ने तुर्किये से आयात किए जाने वाले मार्बल, सेब, ड्राई फ्रूट और सीमेंट जैसे उत्पादों का बहिष्कार कर दिया है. इसके साथ ही मध्य प्रदेश के लोगों में तुर्किये के खिलाफ रोष है. अब भोपाल के फेमस जवाहर बाग से आम तुर्किये नहीं भेजे जाएंगे.

कई सालों से तुर्किये भेजे जा रहे आम

भोपाल के आईआईटी के पास स्थित जवाहर बाग, आम की पैदावार के लिए जाना जाता है. यहां कई तरह के आम की पैदावार होती है. चीन, जापान और तुर्किये समेत खाड़ी देशों में आम निर्यात किए जाते हैं. बाग की देखभाल करने वाले नवाब खां ने बताया कि इस बार जवाहर बाग में आम की अच्छी पैदावार हुई है. देश में तुर्किये के खिलाफ माहौल को देखते हुए निर्णय लिया गया है कि इस बार वहां आम को निर्यात नहीं किया जाएगा.

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20 तरह के आमों की पैदावार होती है

50 एकड़ से ज्यादा जमीन पर फैले जवाहर बाग को भेल (BHEL) ने विकसित किया है. यहां 20 किस्म के आमों की पैदावार की जाती है. इनमें नरगिस, पीटर इंग्लैण्ड, कृष्णभोग, आम्रपाली, जाफरान, कोहिनूर, डॉलर, महाराजा, दय्यड, हिमसागर, मलका और कैसर जैसे आम शामिल हैं. यहां करीब 150 से ज्यादा आम के पेड़ हैं.

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