‘शक्कर छोड़ना मेरे लिए वरदान रहा है…’ कैबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल ने बताया खुद के फिट होने का मंत्र

Vistaar Health Conclave: मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने बताया कि शक्कर छोड़ना उनके लिए वरदान रहा है. वह आपदाओं में काम करने वाला व्यक्ति हैं और स्वस्थ रहना जरूरी है.
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कैबिनेट मंत्री प्रह्लाद पटेल

Vistaar Health Conclave: मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने अपने फिटनेस के राज बताए. विस्तार हेल्थ कॉन्क्लेव में शामिल होने पहुंचे कैबिनेट मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने विस्तार न्यूज के ग्रुप एडिटर ब्रजेश राजपूत के सवालों के जवाब दिए. इन सवालों के जवाब देते हुए उन्होंने अपनी सेहत को लेकर भी कई ऐसी बातें बताईं , जिनका उन्होंने शायद ही पहले जिक्र किया हो. जानें अपनी फिटनेस को लेकर क्या-क्या बताया.

सवाल- ‘नेताओं का बीमार होना बड़ी खबर क्यों होती है?’

जवाब- मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा- ‘हमारे पास जनता की दी हुई जिम्मेदारी है. हमारे पारिवारिक जीवन में भले ही उसका महत्व न हो लेकिन इस जीवन में आपकी उपस्थिति और अनुपस्थिति का फर्क पड़ता है. हम भले ही उस समय किसी निर्णय की स्थिति में न हों, लेकिन रोजमर्रा के जीवन में और छवि में लोग जनप्रतिनिधि की उपस्थिति को चाहते हैं.’

सवाल- ‘हर कोई आपसे मिलना चाहता है. आप तनाव को कैसे मैनेज करते हैं?’

जवाब- ‘परिवार तो सहमत हो जाता है. सबसे पहले परिवार ही भुगता है कि कैसे आएं-जाएं और कैसे मिलें. मेरी माता जी से लोग अनिश्चितता को लेकर सवाल पूछे. सार्वजनिक जीवन में जब तक नेता की छवि नहीं बन जाती तब तक वह हर पल देता है.’

सवाल-‘व्यस्तताओं के बीच आप अपनी फिटनेस कैसे मेनटेन करते हैं?’

जवाब- ‘शरीर स्वस्थ होना बहुत जरूरी है. मैं आपदाओं में काम करने वाला व्यक्ति हूं, मैं हमेशा एक बात कहता हूं कि शरीर को हमेशा स्वस्थ रखो. कभी भी कोई आपदा आएगी तो मंत्री देखकर नहीं आएगी. होगा तो सबके साथ होगा. आप बीमारी और दुर्घटना से बचे रहोगो तो दूसरों की मदद करोगे. हमेशा स्वस्थ रहना चाहिए. ‘

सवाल- आप फिट रहने के लिए क्या करते हैं?

जवाब- मैं चलने में विश्वास करता हूं. अगर चल नहीं पाता हूं तो एक टाइम खाता हूं. भोजन का संयम है. बाहर नहीं खाता हूं. शाम को पैदल चलता हूं. मेरे गुरु ने कहा है की भोजन और भजन अपने हिसाब से करना चाहिए. शरीर के लिए श्रम जरूरी है. दो टाइम के खाने के बीच पर्याप्त फासला होना चाहिए. मैंने शक्कर छोड़ा, जो मेरे लिए वरदान साबित हुआ. पहले मैं एक दिन में आधा-पौन किलो मिठाई खाता था, लेकिन अब नहीं.’

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