MP News: एमपी में अब 25 साल पुरानी रजिस्ट्री को घर बैठे कर सकते हैं डाउनलोड, धोखाधड़ी पर लगेगी रोक

MP Property Registry Online: बता दें कि साल 2000 से 2015 तक की सभी जमीनी रजिस्ट्री (जैसे संपत्ति के कागजात) अब डिजिटल रूप में उपलब्ध हैं और उन्हें कंप्यूटर या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से डाउनलोड किया जा सकता है.
Now 25 years old registry can be downloaded sitting at home.

अब घर बैठे 25 साल पुरानी रजिस्ट्री डाउनलोड किया जा सकता है.

MP Property Registry Online: मध्य प्रदेश सरकार ने एक अहम कदम उठाते हुए अब 25 साल पुरानी संपत्ति रजिस्ट्री को ऑनलाइन डाउनलोड करने की सुविधा शुरू की है. इससे लोगों को अपने रजिस्ट्री दस्तावेज़ आसानी से मिल सकेंगे और धोखाधड़ी पर भी रोक लगेगी. यह पहल खासतौर पर संपत्ति से जुड़े विवादों को सुलझाने में मददगार साबित होगी. वहीं अब लोग बिना किसी परेशानी के अपने दस्तावेज़ घर बैठे प्राप्त कर सकेंगे.

50 लाख पुरानी रजिस्ट्री हो रहा डिजिटल

प्रदेश सरकार ने नागरिकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है. भोपाल समेत पूरे प्रदेश की करीब 50 लाख पुरानी यानी मैनुअल प्रॉपर्टी रजिस्ट्री को अब डिजिटल किया जा रहा है. इस डिजिटल सुविधा शुरू होने के बाद अब नागरिकों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. वहीं नागरिक अब अपने रिकॉर्ड को सुरक्षित तरीके से रख पाएंगे और धोखाधड़ी से बच सकेंगे.

2000-2015 तक की रजिस्ट्री कर सकेंगे डाउनलोड

बता दें कि साल 2000 से 2015 तक की सभी जमीनी रजिस्ट्री (जैसे संपत्ति के कागजात) अब डिजिटल रूप में उपलब्ध हैं और उन्हें कंप्यूटर या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से डाउनलोड किया जा सकता है. वहीं इसके अलावा सरकार 1995 तक की रजिस्ट्री को Digital करने के लिए काम कर रही है. अधिकारियों का कहना है कि आने वाले समय में हम 1995 तक के रिकॉर्ड्स को डिजिटल करेंगे, जिससे नागरिक बिना किसी परेशानी के घर बैठे 30 सालों तक के पुराने रिकॉर्ड्स को प्राप्त कर सकें.

जानकारी के अनुसार, अभी तक प्रदेश में 2 लाख 60 हजार पुरानी रजिस्ट्रियों की जांच हो चुकी है. वहीं अब भोपाल की 4 लाख, इंदौर की 5 लाख, ग्वालियर की 2 लाख और जबलपुर की 2 लाख रजिस्ट्री Digital की जाएगी.

धोखाधड़ी से बचने के लिए e-Registry नियम लागू

प्रदेश भर में धोखाधड़ी से बचने के लिए साल 2015 अगस्त से ही e-Registry नियम लागू है. जिसमें ‘संपदा सॉफ्टवेयर’ (या संपदा 2.0) जैसे डिजिटल सिस्टम ने धोखाधड़ी को कम किया है और संपत्ति पंजीकरण की प्रक्रिया को तेज़ कर दिया है. वहीं अब लोग नकली ब्रोशर और स्लॉट बुकिंग जैसी अनधिकृत गतिविधियों से बचकर ऑनलाइन स्लॉट बुक कर सकते हैं और समय पर अपनी रजिस्ट्री करा सकते हैं. अब पुरानी रजिस्ट्री के Digital होने से 25 साल तक के रिकॉर्ड्स भी Online मिलनी शुरू हो गई है.

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रजिस्ट्री डिजिटल होने से क्या होगा फायदा ?

रिकॉर्ड्स डिजिटल हो जाने से नागरिकों को कई फायदे मिलने वाले हैं. जैसे अगर मैनुअल कॉपी गुम या खराब हो जाती है, तो आप दोबारा डाउनलोड कर सकते हैं. वहीं आपके सारे रिकॉर्ड्स सेफ और सुरक्षित रहेंगे. अब नागरिक घर बैठे mpigr.gov.in वेबसाइट पर जाकर 500 रुपये फीस देकर अपनी लॉगिन आईडी बना सकते हैं और अपने पुराने रजिस्ट्री की कॉपी को डाउनलोड कर सकते हैं.

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