MP: आचार संहिता हटने के बाद मंत्रालय में बढ़ी हलचल, फाइल जुटाने में अधिकारियों के छुट रहे पसीने
Madhya Pradesh News: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) के नतीजे आने के बाद देश के साथ-साथ मध्य प्रदेश में आचार संहिता को हटा लिया गया है. इसके बाद मध्य प्रदेश सहित दूसरे राज्यों में भी सरकारी कामकाज में कसावट आ गई है. राजधानी के मंत्रालय में हलचल बढ़ गई है. अधिकारी पुराने कामकाज को लेकर बाबुओं से फाइल मंगवा रहे हैं. इसके अलावा कुछ ऐसे अधिकारी भी हैं जो सही फाइल नहीं लेकर आने वाले बाबू को आचार संहिता हटने के पहले ही दिन फटकार लगा दी.
वहीं, ज्यादा चुनौती मंत्रालय के अधिकारियों के बीच बजट को लेकर है. क्योंकि आने वाले दिनों में सरकार बजट (Madhya Pradesh Budget) लेकर आने वाली है. ऐसे में बजट से जुड़ी हुई जानकारियां जुटाई जा रही है. मंत्रालय में एक अधिकारी दूसरे विभाग के साथ बैठक कर विभागीय वित्तीय स्थिति की जानकारी ले रहे हैं. प्रमुख सचिव, सचिव और अपर और मुख्य सचिव के अधिकारियों की बैठक बजट संबंधी मामलों को लेकर हो रही है.
महिला अधिकारी को लगी फटकार
इसी दौरान एक विभाग के अधिकारी ने महिला अधिकारी को फटकार लगा दी. उन्होंने कहा कि आपके पास जानकारी नहीं है. मेरे पास इतना समय नहीं है कि एक ही विषय पर एक दिन और इंतजार करना पड़े. वजह यह थी कि मैडम सटीक रिपोर्ट लेकर नहीं पहुंची थी. जिसकी वजह से अधिकारी भड़क गए उन्होंने कहा कि कल दूसरे विभाग की बैठक है और एक ही बात के लिए दो-तीन दिन तक बैठक देखने का उनके पास समय नहीं है. फिर क्या था केबिन से अफसर निकलते हुए कह दिया कि आप ही वित्त मंत्री को रिपोर्ट पेश करेंगी.
मुख्य सचिव बदले जाने से राहत में कई अधिकारी
मध्य प्रदेश में मौजूदा मुख्य सचिव को बदलने की सुगबुगाहट चल रही है. ऐसे में कई अधिकारी जो तनाव में थे. अब राहत महसूस कर रहे हैं. क्योंकि उनकी सीआर मौजूदा मुख्य सचिव को ही लिखनी थी. लेकिन बदलाव की आसार में बैठे अधिकारी कुछ दिनों की राहत में जरूर आ गए हैं. हालांकि, उनकी फाइल में टिप्पणी मौजूदा मुख्य सचिव की ज्यादा उनके भविष्य के लिए संकट पैदा कर सकती है. इसलिए नए मुख्य सचिव के इंतजार में कई अधिकारी बैठे हुए हैं. मंत्रालय में दिनभर जिलाधिकारी के नाम सामने आ रहे हैं. उनसे मिल मुलाकात करने के लिए पहुंच रहे हैं.
विजयवर्गीय के एक्टिव होने से प्रशासन में हड़कंप
नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने आचार संहिता हटने के बाद तत्काल ही मंत्रालय में जाकर बैठक की. दूसरे दिन बैठक का असर रहा कि नगरीय प्रशासन विभाग में हड़कंप मच गया. इंदौर में फर्जी बिल के जरिए करोड़ों रुपए निकालने की जांच का मुद्दा गरमाया रहा. वहीं कैलाश विजयवर्गीय की ओर से दिए गए निर्देशों को अमल पर लाने के लिए विभाग ही समीक्षा चलती रही. अधिकारी एक कमरे से दूसरे केबिन में जाकर चर्चा करते रहे.
अब सबसे ज्यादा काम इसी विभाग में है तो विकास कार्य की भी फाइलें तैयार की जा रही है. जिससे बजट पेश होने के बाद मेंटेनेंस का काम शहरों में शुरू हो जाएगा. नाली, पानी, से लेकर सड़कों की समस्या को भी दुरुस्त करने की जिम्मेदारी इसी विभाग पर है. ऐसे में आचार संहिता हटने की बात कई अधिकारी लंच पर नहीं गए.