Coldrif Cough Syrup मामले में बड़ा एक्शन, श्रेसन फार्मा के 7 ठिकानों पर ED ने मारा छापा

Coldrif Cough Syrup: जानलेवा कोल्ड्रिफ कफ सिरप मामले में कार्रवाई तेज हो गई है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने श्रेषन फार्मा से जुड़े 7 ठिकानों पर छापेमारी की है.
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श्रेषन फार्मा के 7 ठिकानों पर ईडी ने मारा छापा

Coldrif Cough Syrup: जानलेवा कोल्ड्रिफ कफ सिरप मामले में कार्रवाई तेज हो गई है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को कफ सिरप बनाने वाली कंपनी श्रेषन फार्मा से जुड़े 7 ठिकानों पर छापेमारी की खबर की है. इस कफ सिरप के सेवन से मध्य प्रदेश में अब तक 25 बच्चों की मौत हो चुकी है. स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने कंपनी के मालिक जी रंगनाथन को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी को 10 दिनों की पुलिस रिमांड पर भेजा दिया गया है.

आरोपी मालिक के घर पहुंची ED की टीम

कोल्ड्रिफ कफ सिरप बनाने वाली कंपनी श्रेषन फार्मा की फैक्ट्री पर ED की टीम पहुंची है. टीम के साथ तमिलनाडु पुलिस के पुलिसकर्मी भी हैं. फैक्ट्री में ईडी की टीम जांच कर रही है और दस्तावेज को खंगाल रही है. इसके साथ ही तमिलनाडु ड्रग विभाग के कर्मचारी भी मौजूद हैं. चेन्नई के कोदाबक्कम में स्थित आरोपी के घर पर भी ED की टीम पहुंची है.

नियमों का उल्लंघन फिर भी काम जारी

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) और तमिलनाडु खाद्य एवं औषधि प्रशासन (TNFDA) ने श्रेसन फार्मा में कई खामियां पाई थीं. खराब अद्योसंरचना और सुरक्षा उल्लंघनों के बावजूद कंपनी काम करती रही. कंपनी को साल 2011 में लाइसेंस मिला था. तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और मध्य प्रदेश सरकार ने इस सिरप पर बैन लगा दिया है. तमिलनाडु में श्रेसन फार्मा के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है.

DEG मानक स्तर से ज्यादा

कोल्ड्रिफ से मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा, बैतूल और पांर्ढुणा में अब तक 25 बच्चों की मौत हो चुकी है. परासिया के डॉक्टर प्रवीण सोनी को सस्पेंड कर दिया. डॉक्टर सोनी ने ही पर्चे में कोल्ड्रिफ कफ सिरप लिखा था. इस दवा की जांच में पाया गया है कि इसमें डायएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) की मात्रा तय मानक 0.1 फीसदी से 46 गुना ज्यादा है. मध्य प्रदेश सरकार ने कोल्ड्रिफ के अलावा रिलाइफ और रेस्पीफ्रेश टीआर सिरप पर बैन लगाया है.

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कटारिया फार्मा का लाइसेंस निरस्त

जबलपुर स्थित कटारिया फार्मा का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है. ये महाकौशल रीजन में डीलर ऑफिस था, यहां से अलग-अलग जिलों को दवा सप्लाई की जाती थी. जांच में गंभीर अनियमितताएं मिलने पर फार्मा का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया. पुलिस और प्रशासन ने कंपनी के ऑफिस और गोदाम को सील कर दिया है.

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