Operation Sindoor की जानकारी देने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी का है एमपी से गहरा नाता, छतरपुर में बीता बचपन, 5वीं तक की पढ़ाई

Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी का मध्य प्रदेश के छतरपुर से गहरा नाता है. उनका जन्म नौगांव में हुआ था. 5वीं क्लास तक की शिक्षा नौगांव के शासकीय स्कूल में प्राप्त की
Colonel Sofia Qureshi, who gave information about Operation Sindoor, was born in Chhatarpur

ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी का जन्म छतरपुर में हुआ

Operation Sindoor: मंगलवार देर रात भारतीय सेना ने पाकिस्तान (Pakistan) और पाक अधिकृत कश्मीर (PoJK) के 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया. राफेल फाइटर जेट्स (Rafale Fighter Jet) से स्कैप मिसाइल (Scaple Missile)और हैमर बम (Hammer Bomb) दागे गए. इस हमले में आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया गया. बताया जा रहा है कि एयर स्ट्राइक में 100 से ज्यादा की मौत हो चुकी है. इसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) नाम दिया गया. इस ऑपरेशन की जानकारी विदेश सचिव विक्रम मिसरी (Vikram Misri), विंग कमांडर व्योमिका सिंह (Wing Commander Vyomika Singh) और कर्नल सोफिया कुरैशी (Colonel Sophia Qureshi) ने पूरी जानकारी दी. सोफिया कुरैशी का मध्य प्रदेश के छतरपुर से गहरा नाता है.

बचपन बीता और 5वीं तक पढ़ाई की

छतरपुर के नौगांव की चच्चा कॉलोनी में पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक के बाद जोरदार जश्न मनाया गया. पटाखे फोड़े गए और मिठाइयां बांटी गई. यहां खुशियां तब दोगुना हो गईं, जब यहां के रहवासियों को पता चला कि ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देनी वाली कर्नल सोफिया कुरैशी नौगांव की बेटी हैं. सोफिया का बचपन यहीं बीता है. उन्होंने 5वीं कक्षा की शिक्षा शासकीय स्कूल में प्राप्त की.

कर्नल सोफिया को विरासत में मिली देश सेवा

कर्नल सोफिया कुरैशी का जन्म छतरपुर जिले के नौगांव के रंगरेज मोहल्ले में 12 दिसंबर 1975 में हुआ था. उनके चाचा-चाची, भाई-भाभी आज भी यहां रहते हैं. उनके पिता ताज मोहम्मद BSF से रिटायर्ड सूबेदार हैं. इसके साथ ही उनके दो चाचा इस्माइल कुरैशी और वली मुहम्मद BSF में सुबेदार के पद रहे हैं.

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सोफिया कुरैशी बड़ौदा में प्रथम श्रेणी उत्तीर्ण कर आर्मी में चयनित हुई. इसके बाद लेफ्टिनेंट बनी और प्रमोशन पाकर कैप्टन बनीं. कैप्टन बनने के बाद झांसी में ट्रांसफर हुआ और मेजर बनीं, गांधीनगर में लेफ्टिनेंट कर्नल के रूप में पदस्थ हुईं. अभी भारतीय सेना में कर्नल बनकर देश की सेवा कर रही हैं

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