‘माफिया के रिमोट से चल रही सरकार…’, सौरभ शर्मा की जमानत पर कांग्रेस ने साधा निशाना

Gold Cash Case: लोकायुक्त (Lokayukta) की ओर से 60 दिन हो जाने के बाद भी चालान जमा नहीं की थी. कोर्ट ने इस पर हैरानी जताई
Congress targeted the government in Saurabh Sharma case

कांग्रेस ने सौरभ शर्मा मामले में सरकार पर साधा निशाना वायरल

Gold Cash Case: परिवहन घोटाले और गोल्ड-कैश कांड के मुख्य आरोपी सौरभ शर्मा (Saurabh Sharma), उसके दोस्त चेतन गौर और शरद जायसवाल को कोर्ट से जमानत मिल गई है. मंगलवार यानी 1 अप्रैल ने कोर्ट ने तीनों को जमानत दे दी. लोकायुक्त (Lokayukt) की ओर से 60 दिन हो जाने के बाद भी चालान जमा नहीं की थी. कोर्ट ने इस पर हैरानी जताई. वहीं कांग्रेस ने आरोपियों की जमानत होने पर राज्य सरकार और जांच एजेंसियों पर साधा निशाना साधा है.

‘माफिया के रिमोट से चल रही सरकार’

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अरुण यादव ने सरकार और जांच एजेंसियों पर निशाना साधा. यादव ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि पहले ही दिन से सौरभ शर्मा, कैश एवं गोल्ड कांड मामले में जांच एजेंसियों की भूमिकाएं संदिग्ध पाई गई. एक साल पहले जांच एजेंसी EOW द्वारा उसे क्लीन चिट दिया जाना, फिर लोकायुक्त पुलिस द्वारा छापे की कार्रवाई के बाद साढ़े तीन माह चली जांच प्रक्रिया में सौरभ के हितों को संरक्षित किया जाना.

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उन्होंने आगे लिखा कि एक ही दिन 28 जनवरी 2025 को सौरभ, चेतन और शरद द्वारा लोकायुक्त पुलिस के समक्ष किया गया आत्मसमर्पण और अब लोकायुक्त पुलिस के साथ एक अन्य जांच एजेंसी ED द्वारा FIR किए जाने के बाद गिरफ्तारी की गई. 60 दिनों तक कोर्ट में इसका चालान प्रस्तुत नहीं किया जाना. क्या सरकार और जांच एजेंसियों द्वारा इन गंभीर अपराधियों के समक्ष किया गया सरकारी और प्रशासनिक आत्मसमर्पण नहीं है. इससे स्पष्ट हो रहा है कि मध्य प्रदेश सरकार, भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के विरूद्ध जांच करने वाली एजेंसियां माफियाओं के रिमोट से संचालित हो रही है?

जमानत के बाद भी जेल में रहेंगे आरोपी

भले ही सौरभ शर्मा और उसके दोस्तों को कोर्ट से जमानत मिल गई है लेकिन उन्हें जेल में ही रहना होगा. लोकायुक्त मामले में उन्हें जमानत मिली है. लेकिन ED और CBI वाले मामले में उन्हें जमानत नहीं मिली है.

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