जयवर्धन सिंह को जिला अध्यक्ष बनाने पर बढ़ा विवाद, दिग्विजय सिंह के बेटे बोले- जिन्हें संगठन सृजन की जानकारी नहीं, वे कर रहे हैं विरोध
कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह
MP Congress: मध्य प्रदेश में कांग्रेस के जिलाध्यक्षों की घोषणा के बाद पार्टी के अंदर ही विरोध शुरू हो गया है. इसको लेकर कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने विरोध करने वालों पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि जिन्हें संगठन की जानकारी नहीं है, वही लोग विरोध कर रहे हैं. पार्टी ने मुझे जो भी काम दिया है, उस जिम्मेदारी को निभाऊंगा.
‘यह राहुल गांधी की तरफ से एक प्रयोग है’
जयवर्धन सिंह ने आगे कहा, ‘यह एक नया राहुल गांधी की तरफ से प्रयोग है. कांग्रेस पार्टी ने मुझे बहुत कुछ दिया है. तीन बार का विधायक और पूर्व मंत्री हूं. अब एक नई जिम्मेदारी पर काम करूंगा. 24 अगस्त को दिल्ली में बैठक में शामिल होऊंगा. जिस तरीके से राहुल गांधी देश भर में बिहार इलेक्शन से पहले वोट वाले मामले पर काम कर रहे हैं, हम पूरे मध्य प्रदेश में काम करेंगे. जहां तक नाराजगी का सवाल है तो कार्यकर्ताओं को इस बारे में भी जानकारी दी जाएगी. पहले मेरे पास दूसरे जिले की जिम्मेदारी थी. अब मुझे गृह जिले की जिम्मेदारी दी गई है. पार्टी की तरफ से मुझे भरपूर काम दिया गया है. पार्टी जो निर्णय लेगी मैं उस जिम्मेदारी को निभाऊंगा.
जिलाध्यक्षों के नामों के ऐलान के बाद विवाद शुरू
मध्य प्रेदश में कांग्रेस के जिला अध्यक्षों की घोषणा के बाद विवाद पार्टी के अंदर ही विवाद शुरू हो गया है. भोपाल में जिलाध्यक्ष पद की दावेदारी करने वाले मोनू सक्सेना ने विरोध जताया है. मोनू सक्सेना ने कहा, ‘मेरे और कई कार्यकर्ताओं के साथ अन्याय हुआ है. कांग्रेस में जिला अध्यक्ष पद के लिए लेनदेन और सांठगांठ की गई है.’
मोनू सक्सेना ने आगे कहा कि भाजपा से रिश्ता रखने वालों को कांग्रेस में पद दिया गया है, जबकि राहुल गांधी ने साफ तौर पर मना किया था कि भाजपा से रिश्ता रखने वाले किसी भी व्यक्ति को पार्टी में पद नहीं दिया जाएगा.
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‘राहुल गांधी को खून से लिखेंगे पत्र‘
कांग्रेस जिलाध्यक्षों का चुनाव गलत तरीके से होने का आरोप लगाते हुए मोनू सक्सेना ने कहा, ‘ये अन्याय केवल मोनू सक्सेना के साथ नहीं हुआ, बल्कि बहुत सारे कार्यकर्ताओं के साथ अन्याय हुआ है. राहुल गांधी ने गुजरात और रवींद्र भवन में बोला था कि भारतीय जनता पार्टी के साथ रिश्ता निभाने वाले लोग कांग्रेस में किसी पद से नवाजे नहीं जाएंगे.मेरे पास पुख्ता सबूत हैं कि व्यापम घोटाले में शामिल संजीव सक्सेना के छोटे भाई को जिलाध्यक्ष बना दिया गया. ये चयन कार्यकर्ताओं के अनुरूप नहीं है. सर्वे रिपोर्ट में संजीव सक्सेना के भाजपा से रिश्ते सामने आए थे. यह भी बात सामने आयी थी कि ये लोग कांग्रेस पार्टी को कमजोर करेंगे. हम राहुल गांधी को खून से पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाएंगे. ‘
हमने पार्टी के लिए बहुत सारे त्याग किए हैं. भोपाल का चयन पारदर्शिता से नहीं हुआ सौदेबाजी और सांठगांठ से हुआ है. अगर प्रवीण सक्सेना का भाजपा से रिश्ता है तो वो पार्टी के लिए काम कैसे करेगा.’