Dhirendra Shastri के बयान पर भड़के मौलाना शहाबुद्दीन, क्यों बाबा बागेश्वर को देश का इतिहास पढ़ने की दी हिदायत!
मौलाना शहाबुद्दीन बरेलवी ने दी बाबा बागेश्वर को नसीहत
Dhirendra Shastri: बागेश्वर धाम की पीठाधीश पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Shastri) के एक बयान को लेकर मौलाना शहाबुद्दीन बरेलवी ने पलटवार किया है. गणतंत्र दिवस (Republic Day) के मौके पर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि कहीं ना कहीं मुस्लिम समुदाय के लोग गणतंत्र दिवस के जश्न से बचते हुए दिखाई दिए. इस बयान पर भड़कते हुए ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन बरेलवी ने बाबा बागेश्वर को इतिहास पढ़ने की हिदायत दी है. जानें पूरा मामला-
बाबा बागेश्वर ने क्या कहा?
बाबा बागेश्वर (पंडित धीरेंद्र शास्त्री) ने गणतंत्र दिवस के मौके पर कहा कि कहीं ना कहीं मुस्लिम समुदाय के लोग गणतंत्र दिवस के जश्न से बचते हुए दिखाई दिए.
भड़के मौलाना शहाबुद्दीन
पंडित धीरेंद्र शास्त्री के इस बयान पर पलटवार करते हुए ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन बरेलवी ने कहा कि वह हमेशा मुसलमानों को ही निशाना बनाते हैं. वह मुस्लिम समुदाय पर निशाना साधने का कोई भी मौका जाया जाने नहीं देते हैं. उन्होंने आगे कहा- ‘गणतंत्र दिवस पर जितना जश्न हिंदू समुदाय के लोगों ने मनाया उतना ही मुस्लिम समुदाय के लोग ने भी जश्न में अपनी भागीदारी दी.’
इतिहास पढ़ने की दी नसीहत
इस दौरान मौलाना शहाबुद्दीन बरेलवी ने पंडित धीरेंद्र शास्त्री को इतिहास पढ़ने की नसीहत भी दी. उन्होंने कहा- ‘ बाबा बागेश्वर को देश का इतिहास जान लेना चाहिए, जिसमें देश की आजादी के लिए मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी अपनी जान की आहुतियां दी हैं. बाबा बागेश्वर को एक बार जरूर आजादी का इतिहास पढ़ना चाहिए. इससे उनका दिल और दिमाग खुल जाएगा. बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री मुसलमानों के खिलाफ बोलने के लिए मौका तलाशते हैं. धीरेंद्र शास्त्री कहीं न कहीं से मुसलमानों को कटघरे में खड़ा करते रहते हैं. बाबा बागेश्वर को सोचना-समझना चाहिए. यह वही मदरसे हैं, जिनमें 26 जनवरी पर जश्ने जमुरियत न मानने का इल्जाम लगा रहे हैं. यह वही मदारिस हैं, जिन्होंने 1857 से लेकर 1947 तक हिंदुस्तान को आजाद कराने में अपना किरदार अदा किया है.’
उन्होंने आगे कहा- ‘तन के गोरे और मन के कालों को सात समंदर पार भेजने में मदारिस वाबस्ता उलमा ने अहम रोल अदा किया. 55 हजार मादरे वाबस्ता उलमा ने अपने मुल्क पर जान निछावर की, कुर्बानी पेश की. इन तमाम चीजों को बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री नकार रहे हैं. धीरेंद्र शास्त्री को इतिहास पढ़ना चाहिए. धीरेंद्र शास्त्री को किसी मदरसे में आकर देखना चारिए कि आज 26 जनवरी है और हम जश्ने जम्हूरियत मना रहे हैं. उन्हें किसी मदरसे का मुआयना करना चाहिए. उनको देखना चाहिए मदरसे के उलमा ने झंडा फहराया है. तिरंगा झंडा मदरसे की शान है. यह हमारे भारत की शान है. बाबा बागेश्वर धाम सरासर मुसलमान पर इल्जाम लगाते हैं.’