36 मौतों का जिम्मेदार कौन? इंदौर बावड़ी हादसे में दोनों आरोपियों को कोर्ट ने किया बरी
फाइल फोटो
Indore: आज से दो साल से पहले, तारीख 30 मार्च 2023. देश भर में धूमधाम से रामनवमी का पर्व मनाया जा रहा था. इस दौरान मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के बेलेश्वर मंदिर में माता जी के सामने हवन कराया जा रहा था. मंदिर में मौजूद बावड़ी को स्लैब डालकर बंद किया गया था. हवन के दौरान बावड़ी के स्लैब में भीड़ ज्यादा होने से स्लैब टूट गया. इस हादसे में 36 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 18 लोग घायल हुए थे. इस मामले में आरोपी बनाए गए दोनों आरोपियों को अब जिला कोर्ट ने बरी कर दिया है. जानें पूरा मामला-
क्या था इंदौर बावड़ी हादसा?
30 मार्च 2023 को इंदौर जिले के पटेल नगर स्थित बेलेश्वर मंदिर में हवन कार्यक्रम का आयोजन किया जा था. रामनवमी के मौके पर माता रानी के मंदिर में आयोजित हवन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे. मंदिर में मौजूद बावड़ी को स्लैब से बंद किया गया था. हवन कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में लोग इस स्लैब पर खड़े थे, जिसका वजब स्लैब नहीं सह पाया और भरभराकर गिर गया. इस हादसे में 36 लोगों को मौत हो गई. वहीं, 18 लोग घायल हो गए. इनमें से दो लोगों की हड्डियां भी टूट गी थीं.
36 मौतों का जिम्मेदार कौन?
30 मार्च को घटना के बाद 31 मार्च 2023 को इंदौर की जूनी थाना पुलिस ने इस मामले में FIR दर्ज की थी. इस दौरान मामले में मजिस्ट्रियल जांच चली. 22 मार्च 2024 को पुलिस ने ट्रस्ट अध्यक्ष सेवाराम और सचिव मुरली पिता टेउमल को गिरफ्तार किया. दोनों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया था. तीन दिन बाद 25 मार्च 2024 को इस मामले में चालान भी पेश किया गया.
दोनों आरोपी बरी
इस केस में 33 लोगों के बयान दर्ज हुए थे. 3 अप्रैल 2025 को दोनों आरोपियों की लापरवाही नहीं पाए जाने पर कोर्ट ने दोनों को बरी कर दिया है. इस दौरान कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा-‘पुलिस ने मामले की सही तरीके से जांच नहीं की. इस केस में निगम अधिकारियों को भी आरोपी बनाया जाना चाहिए था, लेकिन उन्हें नहीं बनाया गया.’ कोर्ट ने नगर निगम अधिकारियों की लापरवाही पर भी टिप्पणी की. साथ ही कहा कि पुलिस दोनों आरोपियों के खिलाफ आरोप साबित नहीं कर पाई.