Damoh: 7 हार्ट पेशेंट की मौत के आरोपी की आज पेशी; प्रयागराज से डॉ नरेंद्र जॉन को MP पुलिस ने किया था गिरफ्तार
7 पेशेंट की मौत के आरोपी डॉक्टर की आज पेशी
Damoh News: दमोह के मिशन अस्पताल में 7 हार्ट पेशेंट की मौत के मामले में आरोपी डॉक्टर नरेंद्र जॉन केम को पुलिस आज कोर्ट में पेश कर सकती है. आरोपी डॉक्टर की सोमवार रात उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से गिरफ्तारी हुई थी.
क्या है 7 मरीजों के’मौत के ऑपरेशन’ का मामला?
मामला मध्य प्रदेश के दमोह जिला के राय चौराहा स्थित मिशनरी हॉस्पिटल का है. मृतक मंगल सिंह परिहार पटेरा तहसील के भरतला का रहने वाला था. उसके परिजनों का आरोप है कि 3 फरवरी को मंगल के सीने में हल्का दर्द और बेचैनी हुई.इसके बाद परिजनों ने गांव के ही झोलाछाप डॉक्टर दुर्गा प्रसाद से मंगल सिंह का इलाज कराया और फिर झोलाछाप डॉक्टर की सलाह पर 4 फरवरी को सुबह दमोह के मिशनरी अस्पताल में भर्ती करा दिया.आनन-फानन में हॉस्पिटल के डॉक्टर ने मंगल सिंह परिहार की एंजियोग्राफी की और फिर लंदन के मशहूर डॉक्टर एन जॉन केम ने मंगल परिहार के हार्ट का ऑपरेशन किया.
परिजनों का आरोप है कि उन्हें बिना बताए ही डॉक्टर ने न केवल मरीज का ऑपरेशन किया बल्कि ऑपरेशन के बाद भी परिजनों को मरीज से मिलने नहीं दिया गया. सुबह 09:00 बजे अस्पताल प्रबंधन ने मरीज मंगल सिंह परिहार को मृत घोषित कर दिया. जब परिजनों ने मौत की वजह जाननी चाही तो अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों को गुमराह करते हुए मृतक मंगल सिंह परिहार को दूसरा अटैक आने के कारण मौत होने की वजह बताई.
पोस्टमार्टम न कराने की सलाह
इतना ही नहीं अपने काले कारनामों को छुपाने के लिए मिशनरी हॉस्पिटल प्रबंधन ने मृतक के परिजनों को पोस्टमार्टम न कराने की सलाह देकर गांव के लिए रवाना कर दिया. 26 फरवरी 2025 को अस्पताल ने मृतक मंगल सिंह परिहार का डेथ सर्टिफिकेट जारी करते हुए परिजनों को सौंपा दिया.
कैसे हुआ फर्जी डॉक्टर का भांडाफोड़?
ऐसा ही मामला कुछ दिनों पहले इसी अस्पताल से सामने आया, जब शहर के एक पेशेंट का चेकअप करने के लिए अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डिपार्टमेंट से डॉक्टर एन जॉन केम पहुंचे, लेकिन वह डॉक्टर मरीज को डायग्नोस नहीं कर पा रहे थे. इस कारण मरीज के परिजनों की डॉक्टर से बहस हो गई और परिजन अपने मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज कराकर जबलपुर ले गए. इसी घटना से फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर N.John Camm का भांडाफोड़ हो गया. जैसे-जैसे मामले की गहन जांच-पड़ताल हुई वैसे-वैसे हॉस्पिटल का पर्दाफाश होता चला गया. फर्जी डॉक्टर N.John Camm की पहचान नरेंद्र यादव के रूप में हुई. वह खुद को लंदन के प्रोफेसर डॉ एन जॉन केम बताकर लोगों को मौत की नींद सुला रहा था.