Gwalior News: चंबल में डकैतों की बात अब भी नहीं हुई पुरानी, वो कानून जो आज भी बना रहा है ‘डकैत’

Gwalior News: ग्वालियर में साल 2023 में 48 और साल 2024 में 35 मुकदमे, शिवपुरी में साल 2023 में 34 और 2024 में 19 मुकदमे दर्ज हुए
Due to the Dacoity Act, the number of dacoits in Chambal is increasing

प्रतीकात्मक तस्वीर (AI Image)

Gwalior News: ग्वालियर-चंबल में डकैतों का खौफ खत्म हुए 15 साल से ज्यादा का वक्त गुजर गया है. अब बीहड़ को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है. यहां फिल्में बन रही हैं. दूसरी ओर रिकॉर्ड में पुलिस ने 1 साल में करीब 106 डकैत खड़े कर दिए हैं. इसकी वजह 1981 में लागू हुआ ‘एमपी डकैती और व्यपहरण प्रभावित क्षेत्र अधिनियम’ है. इसे डकैतों पर नियंत्रण के लिए बनाया गया था.

कुछ डकैत जेल की सलाखों के पीछे हैं. तो कुछ सजा काट कर बाहर आ चुके हैं. लेकिन इनके लिए साल 1981 में बनाई गयी 11/13 डकैती अधिनियम की धारा जिंदा है. जिसका असर ये है कि इस अधिनियम का उपयोग अब मोबाइल झपटने, अपहरण और बलवा जैसी घटनाओं में किया जा रहा है. कानून के जानकार ओर बुद्धिजीवी मानते हैं कि इस धारा को खत्म करना चाहिए.

70 से 80 के दशक में हो रहे अपराध बने वजह

यह अधिनियम 7 अक्टूबर 1981 को उन क्षेत्रों में लागू किया गया था, जहां 70-80 के दशक में डकैती, लूट व फिरौती के लिए अपहरण होते थे. अभी ग्वालियर जोन में यह ग्वालियर और शिवपुरी, चंबल जोन में भिंड, मुरैना, श्योपुर, दतिया. इसके अलावा रीवा जोन में रीवा और सतना में यह लागू है. अधिनियम BNS-2023 (IPC-1860) की धाराओं के साथ उपयोग हो रहा है. इस धारा में विशेष कोर्ट में जमानत नहीं होती इसलिए इस धारा का उपयोग किया जा रहा है. आईजी ग्वालियर कहते हैं कि जो धारा के तहत अपराध होते है, तभी इसकी उपयोग होता है.

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ग्वालियर-चंबल के दर्ज अपराधों की स्थिति

ग्वालियर में साल 2023 में 48 और साल 2024 में 35 मुकदमे, शिवपुरी में साल 2023 में 34 और 2024 में 19 मुकदमे दर्ज हुए. मुरैना में साल 2024 में 12, भिंड जिले में साल 2024 में 15, दतिया में साल 2024 में 11 और श्योपुर में साल 2024 में 04 मुकदमे दर्ज हुए हैं.

इस तरह बन रहे डकैत

इस धारा का दुरुपयोग इससे भी समझा जा सकता है 11 दिसंबर 2023 को दिल्ली से ग्वालियर आ रहे पीके यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. रणजीत यादव को मुरैना में अटैक आया. एंबुलेंस न मिलने पर लॉ स्टूडेंट्स हिमांशु श्रोतिय व सुकृत शर्मा ने हाई कोर्ट जज की कार लेकर उन्हें अस्पताल पहुंचाया. लेकिन उनके खिलाफ ग्वालियर के थाना पड़ाव में लूट और डकैती का केस दर्ज हुआ. तो वहीं डबरा के वकील चंद्रभान मीणा का ग्राम बेलगढ़ा में जमीन को लेकर केदार रावत से विवाद था. जिसके बाद उन पर लूट व डकैती का केस दर्ज हो गया था.

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