Mahya Pradesh में बर्तन, सर्पदंश के बाद अब डस्टबिन घोटाला, 400 रुपये के डस्टबिन 1,300 रुपये में खरीदे गए

MP News: रीवा में डस्टबिन घोटाला सामने आया है. 400 रुपये के डस्टबिन 1,300 रुपये में खरीदे गए. कलेक्टर प्रतिभा पाल ने कार्रवाई की बात कही है. इसी प्रकार 399 रुपये कीमत की टैबलेट के लिए 990 रुपये के मान से भुगतान किया गया
Kushabhau Thackeray Hospital, Rewa (file photo)

कुशाभाऊ ठाकरे अस्पताल, रीवा (फाइल फोटो)

MP News: रीवा स्वास्थ विभाग में करोड़ो का घोटाला सामने आया है. स्वास्थ्य विभाग रीवा से संबंधित करोड़ों के अनियमित भुगतान का मामला सामने आया है. जिस पर तत्काल कार्रवाई की मांग की गई है. रीवा कमिश्नर बी.एस. जामोद से मिलकर उनको एक आवेदन सौंपा गया है. आवेदन के माध्यम से अनियमित भुगतान के लिए जिम्मेदार तत्कालीन व पूर्व अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही व प्रकरण दर्ज कराये जाने की मांग की गई है.

कलेक्टर ने कार्रवाई की बात कही

रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल ने कहा कि जो मामला सामने आया है कि 20 अगस्त 2018 से 2 नवंबर 2022 तक की अवधि में खरीदी एवं भुगतान के नाम पर स्वास्थ्य विभाग रीवा में व्यापक अनियमितता की गई. तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा नियम विरुद्ध सामग्री खरीदी एवं भुगतान के नाम पर 2 करोड़ 10 लाख 47 हजार 544 रुपये की राशि का भ्रष्टाचार किया गया. शिकायत पर जिला कलेक्टर रीवा द्वारा तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर संजीव पाण्डेय के नेतृत्व में 7 सदस्यीय दल गठित कर जांच कराई गई थी.

कलेक्टर रीवा को जांच प्रतिवेदन 2 नवंबर 2022 को सौंप दिया गया था. वहीं इस पूरे मामले को लेकर कलेक्टर ने जानकारी न होने की बात कही है. दरअसल तात्कालिक कलेक्टर ने तात्कालिक स्टोर कीपर आरके शुक्ला पर कार्रवाई की थी. साथ ही तात्कालिक मुख्य चिकित्सा अधिकारी बीएल मिश्रा पर भी कार्रवाई की गई थी लेकिन यह एक्शन प्रशासन तक ही सीमित रहा.

क्या है पूरा मामला?

जो शिकायत कमिश्नर रीवा से की गई है. उसमें स्वास्थ्य आयुक्त द्वारा प्रदाय सफाई, धुलाई एवं बीएमडब्ल्यू प्रबंधन एवं जिला स्तरीय स्वास्थ्य शिविर आजादी के अमृत महोत्सव के लिए प्रदाय बजट का हेड (शीर्ष) बदलकर MPPHSCL में अनुबंध के बावजूद भी केंद्रीय दर से अधिक दर पर घटिया सामग्री का क्रय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा किया गया.

निर्धारित मात्रा से कहीं कम मात्रा में ब्लीचिंग पाउडर ग्लूकोमीटर, ग्लूकोमीटर स्ट्रिप आदि सामग्री मंगाई गई और राशि का बंदरबाट कर लिया गया. भंडार क्रय नियमों का पालन नहीं किया गया. दस्तक अभियान अंतर्गत नियमानुसार डीएमडी पोर्टल पर फीडिंग नहीं की गई. दवाइयों को खण्डवार नहीं भेजा गया तथा ग्रामवार एनीमिया के टेस्ट का संचालन नहीं किया गया. दस्तक अभियान अनुसार सेवाएं प्रदान नहीं की गई और पोर्टल पर फर्जी प्रविष्टि करा दी गई.

बच्चों के लिए आवश्यक एंटीबायोटिक निमोनिया प्रबंधन के लिए इंजेक्शन एवं पीडियाट्रिक ब्लड बैंक का वितरण गाइडलाइन के अनुसार नहीं किया गया. मध्य प्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विस कएक्टिव रेट कॉन्टेक्ट डिटेल के अनुसार 30 लीटर की डस्टबिन 244.90 रुपये में खरीदी जानी थी किंतु CMHO ऑफिस द्वारा 1,300 रुपये के मान से डस्टबिन का भुगतान मतलब प्रति डस्टबिन 1,055 रुपये का अधिक भुगतान किया गया.

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इसी प्रकार 399 रुपये कीमत की टैबलेट के लिए 990 रुपये के मान से भुगतान किया गया. इस पूरे मामले के सामने आने के बाद विस्तार न्यूज़ ने डस्टबिन के नाम पर जो बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है. इसकी पड़ताल की विस्तार न्यूज़ डस्टबिन की दुकान में पहुंचा और इस डस्टबिन का रेट जानने की कोशिश की तो पता चला कि डस्टबिन तो 130 रुपए से शुरू होकर 450 सो रुपए तक बिकता है, जिसे 1,300 रुपये में लिया गया है.

‘जांच के बाद स्पष्ट होगी परिस्थिति’

इस पूरे मामले पर रीवा के मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी संजीव शुक्ला का कहना है कि यह बहुत पुराना मामला है. इसकी जांच सक्षम अधिकारियों के द्वारा की जाएगी. उसके बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी.

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