Bhopal News: 42 करोड़ के बैंक लोन फ्रॉड में रंजीत मोटर्स पर ED ने दर्ज किया मामला, 27.30 करोड़ की संपत्ति हुई थी कुर्क

Bhopal News: जांच में यह भी पता चला कि वर्ष 2010 में आरोपियों ने 7.50 करोड़ रुपए की कैश क्रेडिट लिमिट का दुरुपयोग शुरू किया और 2015 तक इसे धीरे-धीरे बढ़ाकर 42 करोड़ रुपए कर लिया.
Enforcement Directorate (ED)

प्रवर्तन निदेशालय (ED)

Bhopal News: भोपाल में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने बैंक ऑफ बड़ौदा से फ्रॉड केस में बड़ा एक्शन लेते हुए रंजीत ऑटोमोबाइल्स की 27.30 करोड़ की प्रॉपर्टी को कुर्क किया था. अब इस मामले में ED ने रंजीत मोटर्स और उससे जुड़े अधिकारियों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) 2002 के तहत विशेष न्यायालय भोपाल में अभियोजन शिकायत दर्ज की है. कोर्ट इस मामले की सुनवाई सुनवाई 26 सितंबर को रखी है.

जांच में सामने आया बड़ा फ्रॉड

जांच में यह भी पता चला कि वर्ष 2010 में आरोपियों ने 7.50 करोड़ रुपए की कैश क्रेडिट लिमिट का दुरुपयोग शुरू किया और 2015 तक इसे धीरे-धीरे बढ़ाकर 42 करोड़ रुपए कर लिया. साथ ही, व्यवसायिक प्रयोजनों के लिए मिलने वाली राशि को सहयोगी कंपनियों में ट्रांसफर कर दिया गया और इस पैसे का इस्तेमाल कुर्क की गई संपत्तियों के अधिग्रहण तथा उनके विकास और ऋण पुनर्भुगतान में किया गया.

27 करोड़ की संपत्ति को किया था कुर्क

इससे पहले ED ने 16 सितम्बर को PMLA के तहत आरोपियों की भोपाल स्थित 27.30 करोड़ रुपए मूल्य की अचल संपत्ति को अस्थायी रूप से कुर्क किया था. ED ने यह जांच सीबीआई, एसटीबी, भोपाल द्वारा आईपीसी 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी. जांच के दौरान सामने आया कि आरोपियों ने बैंक ऑफ बड़ौदा से 34.36 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करते हुए कैश क्रेडिट लिमिट का गलत इस्तेमाल किया.

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DRI ने लिया था युवक को हिरासत में

भोपाल के लालघाटी से 16 सितंबर को DRI ने एक्‍शन लेते हुए जगदीश नामक युवक को मादक पदार्थो की कालाबाजारी करने के आरोप में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था. युवक के खिलाफ DRI को मुख्‍यालय से सूचना मिली थी कि उसके खातों से कालाबाजारी का लेनदेन हुआ है. जिसके बाद युवक को हिरासत में लेकर उससे पुछताछ की थी.

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