Bhopal: गोल्ड-कैश कांड मामले में ED ने सौरभ शर्मा समेत 9 लोगों को आरोपी बनाया, 55 कंपनियों के खाते भी फ्रीज

Gold Cash Case: ईडी ने सौरभ शर्मा, उसके दोस्त चेतन गौर और शरद जायसवाल पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है. 11 फरवरी को तीनों को PMLA कोर्ट में पेश किया गया था
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प्रवर्तन निदेशालय ( Image Credit: Google)

Gold Cash Case: गोल्ड-कैश कांड से जुड़े मामले में एक नया अपडेट सामने आया है. ED ने मुख्य आरोपी सौरभ शर्मा समेत 9 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. शर्मा समेत उसके परिवार के सदस्य और दोस्तों को भी आरोपी बनाया गया है. इनमें दोस्तों के रिश्तेदार भी शामिल हैं.

कौन-कौन हैं जिन्हें आरोपी बनाया गया?

जिन्हें आरोपी बनाया गया है उनमें सौरभ शर्मा, उसकी उमा शर्मा, सास रेखा तिवारी, पत्नी दिव्या तिवारी, दोस्त चेतन सिंह गौर, दोस्त शरद जायसवाल, उसकी मां कृष्णा जायसवाल, मौसेरे साले रोहित तिवारी, उसकी पत्नी अनुभा तिवारी शामिल हैं. इसके साथ ही इनके द्वारा चलाई जा रही 55 कंपनियों के खाते भी फ्रीज कर दिए गए हैं.

अधिकारियों से भी होगी पूछताछ

मामले में ED ने छापेमारी की थी. इस दौरान जांच एंजेसी को अधिकारी-कर्मचारियों की सूची मिली थी. अब ED इनसे भी पूछताछ करेगी. पता लगाने की कोशिश करेगी कि कैसे सौरभ शर्मा के पास इतना संपत्ति आयी.

17 फरवरी तक ED को मिली रिमांड

ईडी ने सौरभ शर्मा, उसके दोस्त चेतन गौर और शरद जायसवाल पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है. 11 फरवरी को तीनों को PMLA कोर्ट में पेश किया गया था. जहां तीनों को 17 फरवरी तक रिमांड पर भेज दिया था.

234 किलो चांदी और 8 करोड़ रुपये कैश मिला था

19 दिसंबर को लोकायुक्त ने सौरभ शर्मा के भोपाल स्थित घर पर छापेमारी की थी. यहां से 234 किलो चांदी और 8 करोड़ रुपये कैश की बरामदगी की गई थी. इसके कुछ दिन बाद IT की सर्चिंग ऑपरेशन के दौरान भोपाल के मेंडोरी के जंगल से एक लावारिस कार मिली. इस कार से 54 किलो सोना बरामद हुआ था. ये कार ग्वालियर RTO में रजिस्टर्ड है. जिसका मालिक सौरभ का दोस्त चेतन गौर निकला था.

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इसी कार से एक डायरी मिली थी. इसमें 100 करोड़ रुपये के लेन-देन का ब्यौरा था. प्रदेश के 52 जिलों में RTO अधिकारियों के पैसे देने का जिक्र मिला था. ED ने सौरभ पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है.

कौन है सौरभ शर्मा?

सौरभ शर्मा परिवहन विभाग में पूर्व आरक्षक था. उसे अपने पिता के स्थान पर अनुकंपा नियुक्ति मिली थी. उसकी नियुक्ति को लेकर भी सवाल उठे थे. नियुक्ति पत्र में सामने आया था कि उसने अपनी पारिवारिक जानकारियां छिपाई थी. पत्र में बड़े भाई का जिक्र नहीं किया था. सौरभ पर आरोप है कि उसके पास RTO नाकों से उगाही करने का जिम्मा था. इसमें कई रसूखदार लोग शामिल थे. परिवहन विभाग में उसने केवल 12 साल नौकरी की थी. नौकरी से स्वैच्छिक रिटायरमेंट लेने के बाद बिल्डर बन गया. वहीं चेतन गौर और शरद जायसवाल उसके दोस्त हैं.

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