इंदौर-बुरहानपुर में नौकरी की तलाश में था फर्जी डॉक्टर नरेंद्र यादव, फेक डिग्री से जॉब पाने की फिराक में था, 7 लोगों की मौत का आरोप

Indore News: कंसल्टेंसी कंपनी के डायरेक्टर पंकज सोनी ने बुरहानपुर के निजी अस्पताल संचालक से संपर्क कर एन जॉन केम के बारे में जानकारी साझा की. अस्पताल संचालक ने नाम सुनते ही कहा कि वह इस फर्जी डॉक्टर से परिचित हैं
Fake doctor Narendra Yadav was looking for a job in Indore-Burhanpur

इंदौर-बुरहानपुर में नौकरी की तलाश में था फर्जी डॉक्टर नरेंद्र यादव

Indore News: दमोह के मिशन अस्पताल में कार्डिएक अरेस्ट के ऑपरेशन कर सात लोगों की जान लेने वाला आरोपी नरेंद्र यादव उर्फ एन जॉन केम लगातार नौकरी की तलाश में इंदौर की कंसल्टेंसी कंपनियों के संपर्क में था. वहीं कई निजी अस्पतालों में बायोडाटा देखकर डॉक्टर की जांच पड़ताल भी की थी लेकिन फेक प्रोफाइल देखकर किसी ने भी जॉब नहीं दी थी.

कंसल्टेंसी कंपनी के संपर्क में था फर्जी डॉक्टर

दरअसल सात लोगों को मौत के घाट उतारने वाले फर्जी डॉक्टर नरेंद्र यादव उर्फ एन जॉन केम इंदौर शहर के कनाड़िया रोड में रहने वाले कंसल्टेंसी कंपनी के डायरेक्टर पंकज सोनी के संपर्क में था. बड़े अस्पतालों में अपना संपर्क बनाने और नौकरी पाने के लिए कंसल्टेंसी कंपनियों से संपर्क किया था. सोनी ने बताया कि उनके पास 21 फरवरी 2020 को एन जॉन केम नाम का बायोडाटा आया था, लेकिन तब उन्होंने इस पर खास ध्यान नहीं दिया. 18 नवंबर 2023 को एन जॉन केम ने फिर एक बार ई-मेल से बायोडाटा भेजा था.

इस बार उसने अपने बायोडेटा में कई विदेशी अस्पतालों के अलावा कई सेमिनार का हवाला देकर डिग्री और विशेष योग्यताओं का दावा किया था. जिसके बाद सोनी के जॉन केम के नाम से सर्चिंग भी की, लेकिन उसका कोई भी रिकॉर्ड नहीं मिला.

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बुरहानपुर में भी नौकरी पाने की कोशिश की थी

कंसल्टेंसी कंपनी के डायरेक्टर पंकज सोनी ने बुरहानपुर के निजी अस्पताल संचालक से संपर्क कर एन जॉन केम के बारे में जानकारी साझा की. अस्पताल संचालक ने नाम सुनते ही कहा कि वह इस फर्जी डॉक्टर से परिचित हैं. जॉन केम पहले भी बुरहानपुर के अस्पताल में नौकरी पाने की कोशिश कर चुका था, लेकिन उसकी डिग्री संदिग्ध पाई गई थीं. वहीं योग्यताओं के संबंध में गूगल और अस्पतालों से संपर्क करने पर उसकी निगेटिव जानकारी मिली थी. इसलिए अस्पताल ने उसे अस्वीकार कर दिया था और कंसल्टेंसी कंपनी के सोनी को सलाह भी दी थी कि उसे किसी भी संस्थान में रेफर नहीं किया जाए.

7 अगस्त 2024 को एन जॉन केम ने फिर बायोडाटा ई-मेल किया था, लेकिन कंसल्टेंसी कंपनी ने किसी को इसका बायोडेटा फॉरवर्ड नहीं किया था. वरना दमोह जैसा घटनाक्रम मालवा और निमाड़ में भी सामने आता.

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