Gold Cash Case: सौरभ शर्मा, चेतन गौर और शरद जायसवाल को PMLA कोर्ट ने 6 दिनों की रिमांड पर भेजा, मनी लॉन्ड्रिंग का है आरोप
सौरभ शर्मा केस
Gold Cash Case: गोल्ड कैश कांड मामले में मुख्य आरोपी सौरभ शर्मा (Saurabh Sharma) और उसके दोस्त चेतन गौर एवं शरद जायसवाल को मंगलवार को स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने तीनों को 17 फरवरी तक के लिए रिमांड पर भेज दिया है. यानी तीनों आरोपी अब 6 दिनों तक ED की रिमांड पर रहेंगे.
तीनों आरोपियों को ED ने किया था गिरफ्तार
सोमवार यानी 10 फरवरी को प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने गोल्ड कैश कांड में मुख्य आरोपी सौरभ शर्मा, चेतन गौर और शरद जायसवाल को गिरफ्तार किया था. इसकी जानकारी ED ने सोशल मीडिया साइट एक्स (X) पर दी. गिरफ्तारी के बाद तीनों को मंगलवार को पीएमएलए (PMLA) कोर्ट में पेश किया गया था. जहां कोर्ट ने उन्हें 6 दिनों की रिमांड पर भेज दिया है. ED ने ही पहले ही तीनों आरोपियों पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था.
234 किलो चांदी और 8 करोड़ रुपये कैश मिला था
19 दिसंबर को लोकायुक्त ने सौरभ शर्मा के भोपाल स्थित घर पर छापेमारी की थी. यहां से 234 किलो चांदी और 8 करोड़ रुपये कैश की बरामदगी की गई थी. इसके कुछ दिन बाद IT की सर्चिंग ऑपरेशन के दौरान भोपाल के मेंडोरी के जंगल से एक लावारिस कार मिली. इस कार से 54 किलो सोना बरामद हुआ था. ये कार ग्वालियर RTO में रजिस्टर्ड है. जिसका मालिक सौरभ का दोस्त चेतन गौर निकला था.
इसी कार से एक डायरी मिली थी. इसमें 100 करोड़ रुपये के लेन-देन का ब्यौरा था. प्रदेश के 52 जिलों में RTO अधिकारियों के पैसे देने का जिक्र मिला था. ED ने सौरभ पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है.
कौन है सौरभ शर्मा?
सौरभ शर्मा परिवहन विभाग में पूर्व आरक्षक था. उसे अपने पिता के स्थान पर अनुकंपा नियुक्ति मिली थी. उसकी नियुक्ति को लेकर भी सवाल उठे थे. नियुक्ति पत्र में सामने आया था कि उसने अपनी पारिवारिक जानकारियां छिपाई थी. पत्र में बड़े भाई का जिक्र नहीं किया था. सौरभ पर आरोप है कि उसके पास RTO नाकों से उगाही करने का जिम्मा था. इसमें कई रसूखदार लोग शामिल थे. परिवहन विभाग में उसने केवल 12 साल नौकरी की थी. नौकरी से स्वैच्छिक रिटायरमेंट लेने के बाद बिल्डर बन गया. वहीं चेतन गौर और शरद जायसवाल उसके दोस्त हैं.