MP News: ‘कोल्ड्रिफ’ के आतंक के बीच ग्वालियर में ‘एजिथ्रोमाइसीन’ सिरप में निकले कीड़े, जांच के लिए सैंपल भोपाल भेजे गए

MP News: डॉ. शर्मा ने बताया कि अस्पताल में दो कंपनियों की 'एजिथ्रोमाइसीन' सिरप की आपूर्ति होती है और दोनों ही कंपनियों की दवा भोपाल से मंगाई जाती है. अभी यह जांच की जा रही है कि शिकायत किस कंपनी की दवा से संबंधित है. फिलहाल अस्पताल प्रशासन ने बच्चों को कोई भी सिरप वितरण रोक दिया है और वैकल्पिक दवा का इंतजाम किया जा रहा है.
gwalior District Hospital Pediatric Erythromycin Syrup Contamination

ग्वालियर: 'एजिथ्रोमाइसिन' सिरप में निकले कीड़े

MP News: ग्वालियर जिला अस्पताल में एक बार फिर बच्चों की दवा को लेकर बड़ी लापरवाही सामने आई है. अस्पताल में उपयोग की जा रही पीडियाट्रिक एंटीबायोटिक सिरप ‘एजिथ्रोमाइसीन’ की बोतलों में कीड़े निकलने की शिकायत मिलने से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है. जानकारी के अनुसार, यह शिकायत अस्पताल में भर्ती एक बच्चे को दवा देने के बाद सामने आई, जिसके बाद परिजनों ने तुरंत डॉक्टरों को इसकी सूचना दी.

‘एजिथ्रोमाइसीन’ के वितरण पर रोक

शिकायत मिलते ही जिला अस्पताल प्रबंधन सक्रिय हुआ. सिविल सर्जन डॉ. आरके शर्मा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए ‘एजिथ्रोमाइसीन’ सिरप के वितरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के निर्देश दिए. साथ ही दवा वितरण केंद्र पर रखी सभी 290 बोतलों को वापस स्टोर में जमा कराने के आदेश दिए गए हैं.

अस्पताल सूत्रों के अनुसार जिला अस्पताल में कुल 306 बोतलें इस दवा की थीं, जिनमें से 16 बोतलों के सैंपल परीक्षण के लिए ले लिए गए हैं. अब इन नमूनों को जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जाएगा ताकि यह स्पष्ट हो सके कि सिरप में कीड़े कैसे और किन परिस्थितियों में उत्पन्न हुए.

स्वास्थ्य विभाग ने दिए जांच के आदेश

डॉ. शर्मा ने बताया कि अस्पताल में दो कंपनियों की ‘एजिथ्रोमाइसीन’ सिरप की आपूर्ति होती है और दोनों ही कंपनियों की दवा भोपाल से मंगाई जाती है. अभी यह जांच की जा रही है कि शिकायत किस कंपनी की दवा से संबंधित है. फिलहाल अस्पताल प्रशासन ने बच्चों को कोई भी सिरप वितरण रोक दिया है और वैकल्पिक दवा का इंतजाम किया जा रहा है.

इस घटना के बाद जिला स्वास्थ्य विभाग ने भी जांच के आदेश दे दिए हैं. अधिकारियों ने बताया कि दवा की खेप का बैच नंबर और सप्लायर की जानकारी एकत्र की जा रही है. जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषी कंपनी या सप्लायर पर कार्रवाई की जाएगी.

पहले हो चुकी है ऐसा घटना

बच्चों के सिरप में कीड़े निकलने की यह पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी कई बार सरकारी अस्पतालों में निम्न गुणवत्ता की दवाओं की शिकायतें सामने आती रही हैं. यह मामला एक बार फिर सरकारी आपूर्ति व्यवस्था और दवा गुणवत्ता परीक्षण प्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा है. स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि यदि किसी भी अस्पताल या मेडिकल स्टोर से खरीदी गई दवा में संदिग्ध वस्तु दिखाई दे तो तुरंत जिला प्रशासन या ड्रग इंस्पेक्टर को इसकी सूचना दें ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके.

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ड्रग इंस्पेक्टर अनु शर्मा ने बताया की कुल 306 सिरप की बोतल मिली. जिनमें 16 सिरप का सैंपल ले लिया गया है. इसके साथ ही बची हुई 290 सिरफ का स्टॉक फ्रीज कर दिया गया है. रिपोर्ट आने के बाद ही निर्णय लिया जायेगा.

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