Krishna Temple: एमपी के इस मंदिर में भगवान कृष्ण पहनते हैं 100 करोड़ की ड्रेस

Krishna Temple: सिंधिया राजघराने ने कई सारे मंदिर बनवाए हैं जिनमें से एक ग्वालियर का गोपाल मंदिर है. इस मंदिर का निर्माण 105 साल पहले यानी 1919 में माधवराव प्रथम ने करवाया था
Gopal Temple, Gwalior

गोपाल मंदिर, ग्वालियर

Krishna Temple: मध्य प्रदेश का भगवान कृष्ण से खास नाता रहा है. उज्जैन में भगवान कृष्ण की शिक्षा-दीक्षा हुई. यहां उन्होंने अपने जीवन के कई साल गुजारे. नारायण धाम में भगवान कृष्ण की सुदामा से मित्रता हुई. धार जिले के अमझेरा में रुक्मी को युद्ध में हराकर देवी रुक्मणी से विवाह किया. इंदौर के जानापाव पहाड़ी में भगवान कृष्ण को भगवान परशुराम से सुदर्शन चक्र मिला. ग्वालियर का एक मंदिर जो भगवान कृष्ण को समर्पित जिसकी कई सारे विशेषताएं हैं.

105 साल पुराना है मंदिर

सिंधिया राजघराने ने कई सारे मंदिर बनवाए हैं जिनमें से एक ग्वालियर का गोपाल मंदिर है. इस मंदिर का निर्माण 105 साल पहले यानी 1919 में माधवराव प्रथम ने करवाया था. इस मंदिर के स्ट्रक्चर की बात करें तो ये मराठा और बुंदेला शैली के फ्यूजन का शानदार उदाहरण है. ये मंदिर इस मायने में अहम हो जाता है कि कृष्ण जन्माष्टमी के दिन राधा-कृष्ण का विशेष श्रृंगार किया जाता है. इस दिन पीतांबरी शृंगार किया जाता है.

100 करोड़ की ड्रेस पहनते हैं भगवान कृष्ण

जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण का मनमोहक शृंगार किया जाता है. कान्हा के जन्म पर आकर्षक वस्त्र पहनाए जाते हैं. इन वस्त्रों की कीमत 100 करोड़ रुपये है. इन वस्त्रों में मोती, नीलम, हीरे और पन्ना जड़े हैं. भगवान कृष्ण के साथ-साथ राधारानी को 3 किलो वजनी सोने का मुकुट पहनाया जाता है. वहीं भगवान कृष्ण के मुकुट में बड़ा सा पन्ना जड़ा रहता है, जिसकी कीमत करोड़ों में आंकी जाती है.

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मंदिर में तैनात रहते हैं 300 पुलिसकर्मी

हर साल जन्माष्टमी पर ग्वालियर के गोपाल मंदिर को रंग-बिरंगे फूलों से सजाया जाता है. भगवान कृष्ण और राधारानी को विशेष रूप से सजाया जाता है. श्रृंगार में उपयोग किए जाने वाले गहनों को लॉकर में रखा जाता है. गहनों को सूची के आधार पर मिलान किया जाता है. रात 12 बजे तक कई धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. गहनों और वस्त्रों की सुरक्षा के लिए मंदिर में 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए जाते है.

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