Gwalior: युवक ने ऑर्डर किया वेज बर्गर मिला नॉनवेज, उपभोक्ता फोरम ने ठोका जुर्माना
ग्वालियर में कस्टमर को नॉनवेज बर्गर देने पर उपभोक्ता फोरम ने ठोका जुर्माना
Gwalior News: मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में एक युवक ने बर्गर बडी कैफे से जोमेटो के जरिए वेज बर्गर ऑर्डर किया. लेकिन उसे नॉन-वेज बर्गर डिलीवर कर दिया गया. युवक ने जब यह देखा तो उसने जोमेटो से शिकायत की. जिसके बाद उसे पहले 175 रुपये वापस मिले और फिर 500 रुपये का बोनस भी दिया गया. लेकिन युवक को लगा कि सिर्फ पैसे लौटाने से बात नहीं बनेगी क्योंकि यह बड़ी लापरवाही थी. इससे उसकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई थी. इसलिए उसने उपभोक्ता फोरम में शिकायत कर दी.
उपभोक्ता फोरम ने लगाया 6 हजार रुपये का जुर्माना
उपभोक्ता फोरम ने जोमेटो और बर्गर बडी कैफे को इस गलती का जिम्मेदार मानते हुए आदेश दिया कि दोनों युवक को 5-5 हजार रुपये मुआवजे के रूप में और 1-1 हजार रुपये केस खर्च के लिए दिया जाए. एडवोकेट आदित्य शर्मा ने बताया कि मामला कुम्हरपुरा निवासी आशीष शर्मा का है. जोमेटो प्राइवेट लिमिटेड से वेज चिली लोडेड बर्गर ऑर्डर किया था. जोमेटो ने 20 मिनट के अंदर उसका फूड पार्सल डिलीवर कर दिया. जब युवक ने बर्गर खाने के लिए पैकेट खोला, तो उसमें वेज की जगह नॉन-वेज बर्गर निकला.
ये भी पढ़ें: नौकरी से निकालने पर शॉप में आग लगाई; मार्केट की 22 दुकानें जलीं, कर्मचारी बोला- सेठ को नुकसान पहुंचाना मकसद था
20 मार्च को आया फैसला
वेज बर्गर में नॉन वेज मिलने के बाद इसकी शिकायत जोमेटो से की गई. जिसके बाद पहले 175 रुपये वापस किए गए और बाद में 500 रुपये का बोनस दिया गया. लेकिन ग्राहक आशीष को लगा कि केवल बोनस से काम नहीं चलेगा क्योंकि यह घोर लापरवाही थी. इससे उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई थीं. ऐसे में आशीष ने उपभोक्ता फोरम में शिकायत की. जिसका फैसला 20 मार्च को आया.
जोमेटो और रेस्टॉरेंट के तर्क को खारिज किया
सुनवाई के दौरान जोमेटो ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वह केवल एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है. बर्गर बडी कैफे की सर्विस में किसी भी कमी के लिए उत्तरदायी नहीं है. वहीं बर्गर बड़ी ने तर्क दिया कि ऑर्डर के अनुसार ही डिलीवरी की गई थी और शिकायतकर्ता ने स्वयं ऑर्डर बदला था. हालांकि आयोग ने दोनों पक्षों के तर्कों को खारिज कर दिया और कहा कि अगर शिकायतकर्ता ने ऑर्डर बदला होता, तो उसे अतिरिक्त 500 रुपये बतौर बोनस क्यों दिए गए? हालांकि आयोग ने दोनों पक्षों के तर्कों को खारिज कर दिया और कहा कि अगर शिकायतकर्ता ने ऑर्डर बदला होता, तो उसे अतिरिक्त 500 रुपए बतौर बोनस क्यों दिए गए?