Gwalior की अनोखी शादी, वेन्यू गौशाला, रुकने के लिए गोबर के लेप से बनी कुटिया, बैलगाड़ी से रवाना हुए दूल्हा-दुल्हन

Gwalior News: मेहमानों के लिए गोबर का लेप कर वैदिक विधि से करीब 40 कुटिया बनाई गई. एक कुटिया में 10 मेहमानों के रुकने की व्यवस्था की गयी
Gwalior: Destination wedding took place in the state's biggest cowshed

ग्वालियर: प्रदेश की सबसे बड़ी गौशाला में हुई डेस्टिनेशन वेडिंग

MP News: मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी आदर्श गौशाला के साथ एक नया इतिहास जुड़ गया है. गौशाला में अब डेस्टिनेशन वेडिंग की शुरूआत हो गयी है. खास बात ये है कि भारतीय संस्कृति और गोवंश आधारित शादी समारोह हुआ है. इस शादी में गौशाला में रहने वाली गायों के लिए हरे चारे का भंडारा करवाया गया है तो वहीं मेहमानों के लिए गोबर का लेप कर वैदिक विधि से करीब 40 कुटिया बनाई गई हैं.

वैदिक विधि से करवाया गया विवाह

ग्वालियर में मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी लाल टिपारा गौशाला इन दिनों एक बार फिर अपने अनूठे प्रयोग के लिए चर्चाओं में है. इस बार चर्चा बेहद खास है क्योंकि आज के आधुनिक दौर में युवा कहीं न कहीं अपनी सांस्कृतिक विरासत को भूलते जा रहे हैं. ऐसे में शहर की लाल टिपारा स्थित आदर्श गौशाला में अब डेस्टिनेशन वेडिंग भी करवाई जा रही है. यहां पूरा विवाह आयोजन विधि-विधान से वैदिक मंत्रों के साथ संपन्न कराया गया है.

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एक ओर जहां युवा अपनी शादी के खास दिन को बड़ी धूमधाम और चमक-धमक के साथ आधुनिक तौर-तरीके से मनाना चाहते हैं. ऐसे में ग्वालियर के रहने वाले दूल्हे शिवम ने अंजलि से भारतीय संस्कृति और विरासत के साथ गौ संरक्षण का संदेश देते हुए शादी करने का फैसला लिया है. शिवम एक केबल ऑपरेटर हैं और लंबे समय से वे गौ संरक्षण को लेकर भी कार्य कर रहे हैं.

बैलगाड़ी में गोबर के लेप का इस्तेमाल

मेहमानों के लिए गोबर का लेप कर वैदिक विधि से करीब 40 कुटिया बनाई गई. एक कुटिया में 10 मेहमानों के रुकने की व्यवस्था की गयी. दुल्हन की विदाई के लिए जो बैलगाड़ी तैयार की गई, उसमें भी गाय के गोबर का प्रयोग किया गया है. वहीं शिवम ओर अंजलि की शादी देखने के ग्वालियर-चंबल संभाग की बड़े-बड़े कॉलेजों के स्टूडेट्स भी पहुंचे. जिन्होनें सकंल्प भी लिया है, वह अब इसी रीति रिवाज से शादी करेगें.

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खाने में जैविक और मोटे अनाज का उपयोग किया गया

गोवंश के गोबर के प्रयोग के अलावा उनके दूध और उससे बनने वाले दही और घी का भी प्रयोग किया गया. जैविक और मोटे अनाज के व्यंजन बनाए गए. इस पूरी शादी में फास्ट फूड और नशे पर पूरी तरह प्रतिबंध रहा. कुल मिलाकर पुराने दिनों की यादों को ताजा करते हुए संगीत सम्राट तानसेन की संगीत नगरी ग्वालियर में शहनाई वादन के साथ सांस्कृतिक झलकें शादी में आकर्षण का केंद्र है.

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