Gwalior: जीवाजी विश्वविद्यालय का महा घोटाला; विस्तार न्यूज़ की पड़ताल में एक और कॉलेज लापता, छात्र और शिक्षक तो दूर बिल्डिंग ही गायब

Jiwaji University Gwalior: टेक्नोक्रेट इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडी नाम का कॉलेज पेपर पर तो है. लेकिन हकीकत में इसका दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है
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फाइल फोटो

Jiwaji University Gwalior: ग्वालियर (Gwalior) के जीवाजी विश्वविद्यालय (Jiwaji University) में हुए भ्रष्टाचार लगातार उजागर हो रहे हैं. विस्तार न्यूज़ की पड़ताल में जीवाजी विश्वविद्यालय का एक और घोटाला सामने आया है. जीवाजी यूनिवर्सिटी का एक और कॉलेज और लापता है. टेक्नोक्रेट इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडी नाम का कॉलेज पेपर पर तो है. लेकिन हकीकत में इसका दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है. कमाल की बात ये है कि कॉलेज में स्टूडेंट्स के एडमिशन भी होते हैं. एग्जाम भी लिए जाते हैं और फिर मार्कशीट और डिग्री भी दी जाती है.

विस्तार न्यूज़ की टीम को नहीं मिला कॉलेज

जीवाजी विश्वविद्यालय ने जहां इस लापता कॉलेज को दर्शाया, वहां पर विस्तार न्यूज़ की टीम ने 4 घंटे तक पूरे इलाके की खोजबीन की. कॉलेज का नाम तो छोड़िए कॉलेज की बिल्डिंग तक नजर नहीं आई. हमने आसपास रहने वाले लोगों से भी इस कॉलेज का नाम और पता पूछा. सभी का एक ही जवाब था कि इस नाम से कोई भी कॉलेज आसपास नहीं है और नहीं हमने आज तक यह नाम सुना है.

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जीवाजी विश्वविद्यालय ने भेजी कॉलेज की तस्वीरें

विस्तार न्यूज़ ने जीवाजी विश्वविद्यालय की अधिकारियों को फोन लगाकर टेक्नोक्रेट कॉलेज की लोकेशन के बारे में पूछा. इसके बाद यूनिवर्सिटी की तरफ से कॉलेज की लोकेशन के कुछ फोटो हमें भेजी गई. फोटो के आधार पर विस्तार न्यूज़ की टीम खेतों में होते हुए उस जगह पर पहुंची तो वहां कुछ नजर अलग ही दिखाई दिया. इस बिल्डिंग में किसी दूसरे नाम से एक कॉलेज संचालित हो रहा था, हमने इस बिल्डिंग के आसपास लोगों से भी बातचीत की तो उन्होंने कहा कि टेक्नोक्रेट नाम की कोई कॉलेज यहां संचालित नहीं हो रही है और नहीं हमने कभी नाम सुना है.

जब बिल्डिंग ही नहीं तो संबद्धता कैसे जारी हुई

सबसे हैरत की बात यह है कि जब टेक्नोक्रेट इंस्टीट्यूट आफ प्रोफेशनल स्टडीज कॉलेज की बिल्डिंग ही नहीं है, तो जीवाजी विश्वविद्यालय ने सत्र 2024 25 की संबद्धता कैसे जारी कर दी.

भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले छात्रों का कहना है की जीवाजी विश्वविद्यालय में कई सालों से घोटाला हो रहा है. विश्वविद्यालय के भ्रष्ट प्रोफेसर और अधिकारी सिर्फ कागजों में ही कॉलेजों को संबद्धता दे रहे हैं. जब तक ये घोटालेबाज नहीं हटेंगे तक तक यह भ्रष्टाचार रुकने वाला नहीं है. हाल में ही फर्जी शिव शक्ति कॉलेज के मामले में कुलपति सहित 18 प्रोफेसर पर EOW ने मामला दर्ज किया था.

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