MP News: छिंदवाड़ा में कफ सिरप से मासूमों की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग हुआ अलर्ट, घर-घर जाकर सर्वे करेगी टीम
कप सिरप मामले में स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
MP News: छिंदवाड़ा जिले में जहरीले कफ सिरप ने 15 मासूमों की जान ले ली. इन मासूम बच्चों की मौतों के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है. लगातार बढ़ती मौतों को देखते हुए विभाग ने बड़ा फैसला लिया है. अब जिले में स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर छोटे बच्चों का स्वास्थ्य सर्वे करेगी.
स्वास्थ्य विभाग की टीम करेगी जांच
सर्वे के दौरान स्वास्थ्य विभाग टीम बच्चों में सर्दी, खांसी, बुखार, उल्टी, दस्त और सिर दर्द जैसे लक्षणों की जांच करेगी. जांच के दौरान जिन बच्चों में ये लक्षण पाए जाएंगे, उनकी लिस्ट तैयार की जाएगी और डॉक्टरों के प्रिस्क्रिप्शन की भी जांच होगी.
विभाग ने टीमों को निर्देश दिए हैं कि वे यह पता लगाएं कि बच्चों को कौनसा कफ सिरप दिया जा रहा है. अगर किसी घर में संदिग्ध कफ सिरप मिलता है, तो उसे मौके पर ही जब्त किया जाएगा. साथ ही अभिभावकों को बच्चों को फिलहाल किसी भी तरह का कफ सिरप न देने की सलाह दी जाएगी.
जानकारी के मुताबिक, सर्वे टीमों को अलग-अलग विकासखंडों में भेजा जाएगा ताकि किसी भी तरह की लापरवाही न हो और सभी बच्चों की स्थिति का सही आकलन किया जा सके.
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केंद्र सरकार ने लिया संज्ञान
मध्य प्रदेश में कप सिरप से अब तक हुई मासूमों की मौत को लेकर केंद्र सरकार ने भी संज्ञान लिया है. सरकार ने प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग से इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. केंद्र सरकार ने इस मामले में रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक अहम बैठक बुलाई थी. इस मीटिंग में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मध्य प्रदेश और राजस्थान समेत अन्य राज्यों के स्वास्थ्य अधिकारी जुडे़ थे.
इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग की सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने की थी. बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि ऐसी दवाओं की बिक्री और दुरुपयोग को रोका जाए जिससे बच्चों की जान को खतरा है.
बैठक में इन मुद्दों पर विशेष ध्यान
सरकार ने बैठक में कहा कि दवा निर्माण दवा निर्माण इकाइयों में क्वालिटी मानकों से संबंधित शेड्यूल और प्रावधानों विशेष रूप से पालन किया जाए. साथ ही ये भी सुनिश्चत किया जाए कि दवा उच्च गुणवत्ता वाली हो. सरकार ने बैठक में आगे कहा कि बच्चों के लिए कफ सिरप का इस्तेमाल उचित ढंग से किया जाए. इसमें अनावश्यक पदार्थ ना हों. सरकार ने कहा कि खुदरा दवा दुकानों के लिए मार्केटिंग को मजबूत किया जाए, ताकि संदिग्ध दवा की बिक्री पर रोक लगाई जा सके.