Bhopal: IAS मंजूषा राय के घर पहुंची JCB और मचाई तोड़फोड़, उप सचिव ने कलेक्टर से लगाई गुहार, जानें पूरा मामला

Bhopal News: भोपाल में IAS मंजूषा राय के घर में कुछ लोगों द्वारा JCB से तोड़फोड़ कर दी गई है. इसके बाद उन्होंने कलेक्टर से गुहार लगाई है. जानें पूरा मामला-
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IAS मंजूषा राय के घर JCB से तोड़फोड़

Bhopal News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में IAS मंजूषा राय के घर में JCB से तोड़फोड़ का मामला सामने आया है. शिक्षा विभाग में उप सचिव IAS मंजूषा राय के घर कुछ लोग JCB लेकर पहुंचे और बाउंड्रीवॉल तोड़ दी. इस मामले में उन्होंने कलेक्टर से गुहार लगाई है. जानें क्या है पूरा मामला-

IAS मंजूषा राय के घर में JCB से तोड़फोड़

शिक्षा विभाग की उप सचिव IAS मंजूषा राय के घर करीब 40 लोग JCB लेकर पहुंचे और बाउंड्रीवॉल को तोड़ दिया. इतना ही नहीं उनके घर पर लगे CCTV भी तोड़ दिए. पूरा मामला भोपाल के दानिश कुंज कॉलोनी का है. यहां 1800 स्क्वायर फीट जमीन पर बने मकान के एग्रीमेंट, नामांतरण और रजिस्ट्री को लेकर विवाद है. इस मामले में IAS मंजूषा राय ने कलेक्टर से गुहार भी लगाई है.

मकान को लेकर विवाद

पूरा मामला दानिशकुंज कॉलोनी का है. यहां 1800 वर्ग फीट के मकान के एग्रीमेंट, नामांतरण और रजिस्ट्री को लेकर विवाद है. IAS मंजूषा राय के मुताबिक उन्होंने 2010 में 41 लाख रुपए में इस मकान का एग्रीमेंट किया था. पूरा भुगतान बैंक से किया गया. बाद में भी जरूरत पड़ने पर लाखों रुपए दिए. इस मकान नामांतरण नहीं होने की वजह से रजिस्ट्री नहीं हुई. वह अपने परिवार के साथ साल 2011 से यहीं रह रही हैं. इतना ही नहीं मकान में दो कमरे भी बनवाए.

दूसरे के नाम कराई रजिस्ट्री

उन्होंने बताया कि हितेश बटेजा के जरिए 17 मार्च 2025 को नामांतरण और 10 जून को रजिस्ट्री करा दी गई, जिसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं थी. शुक्रवार को 40 से ज्यादा गुंडे उनके घर पहुंचे और तोड़फोड़ की.

पति के नाम था एग्रीमेंट

IAS मंजूषा राय ने इस मामले में वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत की है. उन्होंने बताया कि मकान नंबर-595, दानिशकुंज का एग्रीमेंट उनके पति विक्रांत प्रवीण राय ने 16 दिसंबर 2010 को रंजना अहमद से 41 लाख में किया था. रंजना की मृत्यु के बाद उनके बेटे सईद फरीद अहमद (रिदित अरोड़ा) को शेष राशि भुगतान की गई.

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दो बार खारिज हुआ नामांतरण आवेदन

2021 में रिदित अरोड़ा के दो नामांतरण आवेदन दस्तावेजों के अभाव में खारिज हुए. राय ने परिवार की जरूरतों के लिए मकान में अतिरिक्त निर्माण कराया, जिसका भुगतान उनके खाते से किया गया.

कोर्ट में विचाराधीन है मामला

17 मार्च 2025 को रिदित अरोड़ा के नाम नामांतरण हुआ और 10 जून को मकान मोना बटेजा के नाम रजिस्ट्री कर दी गई. राय ने कोलार SDM कोर्ट में नामांतरण के खिलाफ अपील की और तहसीलदार कोर्ट में आपत्ति दर्ज की. मामला राजस्व न्यायालय में विचाराधीन है.

SDM-तहसीलदार के पास दर्ज की आपत्ति

राय ने कहा कि उनके सभी रिकॉर्ड में यही मकान दर्ज है. उन्होंने SDM और तहसीलदार के पास आपत्ति दर्ज की है. प्रशासनिक अधिकारी कुछ कहने से बच रहे हैं, और हितेश बटेजा से संपर्क नहीं हो पाया.

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