MP News: मऊगंज में 50 साल पहले मर चुके व्यक्ति को जिंदा दिखाकर लेते रहे राशन, 11 साल से चल रहा फर्जीवाड़ा
50 साल पहले मर चुके व्यक्ति के नाम पर 11 साल से अनाज लिया जा रहा.
MP News: मध्यप्रदेश के मऊगंज जिले से भ्रष्टाचार और प्रशासनिक लापरवाही का ऐसा मामला सामने आया है, जिसने समग्र आईडी की पारदर्शिता पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. जनपद पंचायत नईगढ़ी के उमरिया गांव में आधी सदी पहले दिवंगत हो चुके रामसखा तिवारी को आज भी समग्र आईडी में जिंदा दिखाकर मुखिया बना दिया गया. इस फर्जीवाड़े के सहारे सालों तक सरकारी राशन उठता रहा. इतना ही नहीं, एक ब्राह्मण परिवार की आईडी में हरिजन परिवार को चढ़ाकर 11 साल से फायदा उठाया जा रहा है.
विस्तार से जानिए क्या है पूरा मामला
उमरिया गांव का यह मामला भ्रष्टाचार और लापरवाही का जीता-जागता उदाहरण है. मृतक को जिंदा दिखाना और दूसरे समाज के परिवार को किसी और की आईडी में जोड़ देना, यह साफ करता है कि प्रशासनिक मिलीभगत के बिना इतना बड़ा खेल संभव ही नहीं है.
रामसखा तिवारी की मौत को 50 साल बीत चुके हैं. सवाल यह है कि जब वे इस दुनिया में नहीं हैं, तो समग्र आईडी में वे आज तक जीवित कैसे बने रहे? चौंकाने वाली बात यह कि उनके नाम पर सालों तक राशन उठाया गया और उनकी पत्नी को विधवा पेंशन भी जारी की गई. आखिर यह दोहरा खेल कैसे चला. पति कागजों में जिंदा और पत्नी विधवा?
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OTP के जरिए निकल रहा था राशन
फर्जीवाड़ा यहीं नहीं रुकता. जांच में खुलासा हुआ कि ग्राम सेल्समैन ने फर्जी नॉमिनी अपने नाम पर डाल लिया और हर महीने ओटीपी से राशन निकालता रहा. अब तक लगभग 60 क्विंटल अनाज गबन हो चुका है. मगर हैरानी की बात यह कि परिवार की 85 वर्षीय बुजुर्ग महिला दूअसिया तिवारी को एक दाना भी नसीब नहीं हुआ.
इसमें ग्राम पंचायत का रोजगार सहायक बृजेश तिवारी भी संलिप्त बताया जा रहा है. उसका नाम भी आईडी में दर्ज कर दिया गया, जबकि परिवार से कोई सीधा नाता नहीं. यह साबित करता है कि आईडी से नाम जोड़ने-हटाने के अधिकार का दुरुपयोग कर पूरी मिलीभगत से खेल खेला गया.
एक ही आईडी में 9 फर्जी नाम चढ़ा दिए गए। मृतक को मुखिया बना दिया गया. हर महीने सरकारी अनाज की बंदरबांट होती रही और सिस्टम आंख मूंदे रहा.