MP News: नर्सिंग महाघोटाले में नया मोड़, CBI अफसरों की मिलीभगत, उजागर होने के बाद जांच रिपोर्ट को लेकर उठ रहे कई सवाल
MP News: मध्य प्रदेश के बहुचर्चित नर्सिंग महाघोटाले में भ्रष्टाचार की एक के बाद एक नई परतें खुल रही हैं. दिल्ली सीबीआई ने ताबड़तोड़ मध्य प्रदेश आकर जांच शुरू की तब पाया कि कॉलेजों की जांच कर रही CBI की टीम भी भ्रष्टाचार में संलिप्त थी. ऐसे में सीबीआई एक इंस्पेक्टर रविराज सिंह को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है. उधर, पूर्व की सीबीआई रिपोर्ट के आधार पर उपयुक्त घोषित किए गए कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसे लेकर भी एनएसयूआई ने सवाल खड़े किए हैं. मामले में शिकायतकर्ता और NSUI की मेडिकल विंग के प्रदेश संयोजक रवि परमार का कहना है, CBI जांच में उपयुक्त पाए गए कॉलेजों की फिर से जांच हो, दलालों के इशारे पर कॉलेजों को उपयुक्त बताया गया है. इस मामले की अगर यह तक जाकर जांच की गई तो अभी तकरीबन डेढ़ सौ से 200 लोग दागी साबित होंगे.
फिर कैसे एडमिशन की प्रक्रिया की जा रही शुरू?
दरअसल, सीबीआई ने जिन कॉलेजों की हाईकोर्ट में उपयुक्त बताया था, उन कॉलेजों में अब प्रवेश (एडमिशन) की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है. इस संबंध में नर्सिंग काउंसिल ने सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं. इसी महीने प्रदेश को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया गया. सीबीआई अफसरों ने कैसे इन कॉलेजों की उपयुक्त बताया. इनकी पोल खुलने के बाद भी अब तक प्रवेश की प्रक्रिया फिलहाल नहीं रोकी गई है.
… नहीं तो NSUI का प्रदेशभर में होगा उग्र आंदोलन
नर्सिंग घोटाले के व्हिसिलब्लोअर रवि परमार ने भी कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू किए जाने को लेकर चिंता जताई है. उनका कहना है कि सीबीआई की पूरी जांच रिपोर्ट सवालों के घेरे में है. पूरा प्रदेश जानता है कि किस तरह दलालों की मदद से कॉलेजों को मान्यता दी गई. स्वयं सीबीआई दिल्ली की टीम ने अपने भ्रष्ट अफसरों को रंगे हाथों पकड़ा. ऐसे में अब किस बात की औपचारिकता? सीबीआई को फिर से निष्पक्ष जांच करानी चाहिए और तब तक के लिए प्रवेश प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए. ऐसा नहीं हुआ तो एनएसयूआई प्रदेशभर में उग्र आंदोलन शुरू करेगी.
‘अब जेल जाने की बारी मेडिकल माफियाओं की’
आप को बता दें कि फर्जी नर्सिंग कालेजों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर छात्र नेता रवि परमार के विरुद्ध कई मुकदमे दर्ज किए गए हैं. जिसमें मध्यप्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल कार्यालय में शांति पूर्वक प्रदर्शन करने पर उन्हें टीटी नगर पुलिस ने गिरफ्तार कर मुकदमा दर्ज किया था. वहीं तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री के बंगले के बाहर प्रदर्शन करने पर मुकदमा दर्ज किया था. साथ ही तत्कालीन लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री के बंगले पर प्रदर्शन करने पर मुकदमा दर्ज किया गया. वहीं ऐसे सैकड़ों मुकदमे रवि परमार के साथियों और नर्सिंग छात्रों पर पुलिस ने दर्ज किए थे. हालांकि, अब सत्य उजागर हो रहे हैं. इस संबंध में परमार ने कहा कि हम कई बार गिरफ्तार हो चुके हैं, जेल जा चुके हैं. अब गिरफ्तारी और जेल जाने की बारी मेडिकल माफियाओं की है.