MP News: इंदौर में भिखारियों की सूचना देने पर मिलेंगे इतने पैसे, जिला कलेक्टर ने किया ऐलान
सांकेतिक तस्वीर
MP News: मध्य प्रदेश के इंदौर में भिक्षावृत्ति और भिखारियों के खिलाफ फिर से मुहिम तेज हो गई है. शहर को भिखारी मुक्त बनाए रखने के लिए अभियान चलाया जाएगा. जिला कलेक्टर शिवम वर्मा की अध्यक्षता में सोमवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय में बैठक हुए. इस बैठक में फिर से इंदौर में भिक्षावृत्ति के खिलाफ अभियान चलाने को लेकर चर्चा हुई. कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि शहर के अलग-अलग हिस्सों में अभियान चलाया जाए.
भिखारियों की सूचना देने पर मिलेंगे 1 हजार रुपये
भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम 2023 की धारा 163 के तहत इंदौर में भीख देने और लेने पर प्रतिबंध लगाया गया है. इसके साथ ही भिखारियों और भिक्षावृत्ति की सूचना देने वालों के लिए एक हजार रुपये के इनाम की घोषणा की गई है. इसी साल जनवरी में ऐसे 6 लोगों को इनाम के तौर पर 6000 रुपये की राशि दी गई थी. इसे फिर से लागू किया जा रहा है.
रेस्क्यू टीम होगी तैनात
इंदौर के बड़ा गणपति, रेलवे स्टेशन, सत्य साईं चौराहा, विभिन्न मठ-मंदिरों, आश्रमों एवं सार्वजनिक स्थानों पर जहां भिक्षावृत्ति की जाती है, उसे सख्ती से रोका जाएगा. इसके लिए विशेष रेस्क्यू टीमें बनाई जाएंगी. रेस्क्यू टीम में महिला एवं बाल विकास विभाग, नगर निगम, होमगार्ड, श्रम विभाग, राजकीय बाल संरक्षण आश्रम के अधिकारी और कर्मचारी शामिल होंगे. इसके साथ में विशेष पुलिस किशोर इकाई के अधिकारी और कर्मचारियों को भी इस टीम में शामिल किया जाएगा. ऐसी दो-तीन टीमें शहर में अलग-अलग स्थानों पर लगातार कार्रवाई करेंगी.
4 हजार 500 लोगों को रेस्क्यू किया गया
राजकीय बाल संरक्षण आश्रम अधीक्षक दिनेश मिश्रा ने बताया कि इंदौर में भिक्षावृत्ति रोकने के लिए जिला प्रशासन और महिला एवं बाल विकास विभाग एक विशेष चलाया था. इस दल ने पड़ताल में पाया था कि इंदौर में भिक्षावृत्ति करने वालों की संख्या 6 हजार 500 लोगों से अधिक है. इसमें बच्चे, किशोर, युवाओं से लेकर वृद्धजन तक शामिल हैं. इसमें बड़ी संख्या महिलाओं की भी है.
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उन्होंने आगे कहा कि कुछ लोग आदतन भिक्षावृत्ति करते हैं जबकि कुछ लोग दूसरों से भिक्षावृत्ति कराते हैं. टीम ने ऐसे सभी भिक्षावृत्तियों की काउंसिंग की गई, जिसमें से 4 हजार 500 लोगों को रेस्क्यू किया गया. भिक्षावृत्ति उन्मूलन अभियान में 800 लोगों का पुर्नवास किया गया. जिसमें 115 बच्चें एवं किशोर थे. भीख मांगने वाले 172 बच्चों को विभिन्न विद्यालयों में प्रवेश दिलाया गया है.
स्लोगन से मोटिवेट किया जाएगा
बैठक में कलेक्टर शिवम वर्मा ने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर नारे लिखे जाएं ‘बच्चों को भीख नहीं, सीख दीजिए’, आओं मिलकर भिक्षावृत्ति मुक्त इंदौर बनाएं. भिक्षावृत्ति रोकने के लिए गली एवं चौराहों पर नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से प्रचार किया जाए. इस कार्य में समाज सेवा महाविद्यालय इंदौर के छात्र-छात्राओं एवं अन्य सामाजिक संस्थाओं के युवाओं को जोड़ा जाए.