इंदौर का BRTS 12 साल बाद हमेशा के लिए बनेगा इतिहास! बुधवार से टूटना शुरू होगा

MP News: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश के सात महीने के बाद महापौर पुष्यमित्र भार्गव की अध्यक्षता में शुक्रवार यानी 26 सितंबर को बैठक हुई. इस मीटिंग में BRTS को तोड़ने पर मुहर लग गई है. इस कॉरिडोर को हटाने का काम एक अक्टूबर से शुरू होगा
Indore BRTS corridor to be demolished from October 1

इंदौर बीआरटीएस

MP News: इंदौर बीआरटीएस कॉरिडोर को जनप्रतिनिधियों ने अहमदाबाद के बाद देश का दूसरा सफल प्रोजेक्ट बताकर वाहवाही लूटी थी. अब ये हमेशा के लिए इतिहास बनने जा रहा है. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश के सात महीने के बाद महापौर पुष्यमित्र भार्गव की अध्यक्षता में शुक्रवार यानी 26 सितंबर को बैठक हुई. इस मीटिंग में BRTS को तोड़ने पर मुहर लग गई है. इस कॉरिडोर को हटाने का काम एक अक्टूबर से शुरू होगा.

BRTS हटेगा, डिवाइडर बनेगा

बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम यानी बीआरटीएस को हटाने काम बुधवार यानी 1 अक्तूबर से शुरू होगा. इसमें तीन एजेंसियां काम करेंगी. एक एजेंसी BRTS स्टेशन, रैलिंग और दूसरे निर्माण कार्य हटाए जाएंगे. वहीं अन्य एजेंसियां डिवाइडर बनाने का काम करेंगी. इसे हटाने के लिए ढाई करोड़ रुपये खर्च होगा. उच्च न्यायालय के आदेश के बाद कुछ महीनों पहले जीपीओ के पास सांकेतिक रूप से तोड़ा गया था, लेकिन बाद में काम ठंडा पड़ गया.

बीआरटीएस को हटाकर डिवाइडर बनाने के साथ ही इसमें पेड़-पौधे लगाए जाएंगे. इन्हें पानी देने के लिए सेंट्रलाइज्ड व्यवस्था होगी. एक बार पंप का स्विच ऑन होने पर पूरे 12 किमी में बने डिवाइडर को पानी मिलेगा.

300 करोड़ में बनकर तैयार हुआ था

इंदौर BRTS 12 साल पहले 10 मई 2013 को बनकर तैयार हुआ था. ये निरंजनपुर से लेकर राजीव गांधी चौक तक बना हुआ है. इस कॉरिडोर की लंबाई लगभग 12 किमी है. इसमें 12 बस स्टॉप और 14 क्रॉस चौराहे हैं. इसे बनाने में 300 करोड़ रुपये खर्च हुए थे.

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कब क्या-क्या हुआ?

इंदौर BRTS को हटाने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता किशोर कोडवानी ने सबसे पहले कोर्ट में इसे चुनौती दी थी. बाद में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बेंच में दो अलग-अलग याचिका यानी साल 2013 और 2015 में दायर की गई. इन सभी मामलों पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने 5 सदस्यीय समिति बनाने के लिए आदेश दिया. इस समिति ने BRTS की उपयोगिता जांच की. याचिका को बाद में हाई कोर्ट की मुख्य पीठ को ट्रांसफर कर दिया गया. सभी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 27 फरवरी 2025 को BRTS हटाने के लिए अनुमति दे दी.

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