Indore News: 3 महीने में डिजिटल अरेस्ट का 65वां मामला, 14 दिनों तक महिला कारोबारी से 1.60 करोड़ रुपये ठगे

Indore News: वंदना के खाते में पड़े रुपयों का वेरिफिकेशन करने के नाम पर 60 लाख रुपये सरकार के अकाउंट में ट्रांसफर करने का कहकर ट्रांसफर करवा लिए गए
65th case of digital arrest in Indore in 3 months

सांकेतिक तस्वीर

Indore News: इंदौर में एक बार फिर साइबर अपराधियों ने डिजिटल अरेस्ट की वारदात को अंजाम दिया है. इस बार एक महिला कारोबारी को डिजिटल अरेस्ट कर साइबर अपराधियों ने 1 करोड़ 60 लाख रुपये की ठगी की है.

3 महीने में डिजिटल अरेस्ट का 65वां मामला

बड़ी बात यह है कि पिछले तीन महीने में इंदौर में डिजिटल अरेस्ट का यह 65वां मामला है. शेयर और कमोडिटी का काम करने वाली वंदना गुप्ता शहर के मशहूर उद्योगपति सुभाष गुप्ता की बहू हैं. उनके पति राजीव गुप्ता का कुछ साल देहांत हो चुका है. वंदना गुप्ता कनाडिया थाना क्षेत्र स्थित एक कॉलोनी में अकेले रहती हैं. उनका बेटा मुंबई में रहता है. 9 नवंबर को उनके पास एक कॉल आया जिसमें सामने वाले ने खुद को ईडी और सीबीआई अफसर बताते हुए कहां कि जेट एयरवेज के मालिक नरेश गोयल के मनी लांड्रिंग मामले में आपके खातों का इस्तेमाल हुआ है.

इसके साथ ही उनसे उनके बैंक अकाउंट्स की जानकारी मांगी गई है. साइबर अपराधियों ने उन्हें इस कदर डराया कि वह कुछ समझ ही नहीं सकीं और जैसा साइबर अपराधी कहते गए, करती चली गईं. इसके बाद साइबर अपराधियों ने उनके मोबाइल में स्काइप का एप डाउनलोड करवाया और उन्हें वीडियो कॉल पर लेकर डिजिटल अरेस्ट कर लिया.

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14 दिनों तक कारोबारी को बनाया डिजिटल अरेस्ट

वंदना के खाते में पड़े रुपयों का वेरिफिकेशन करने के नाम पर 60 लाख रुपये सरकार के अकाउंट में ट्रांसफर करने का कहकर ट्रांसफर करवा लिए गए. इसके बाद बदमाशों ने उनसे और जानकारी ली तो पता चला कि उनकी एक करोड रुपये की फिक्स डिपॉजिट भी है तो बदमाशों ने उन्हें बैंक भेज कर उनकी एफडी भी तुड़वाकर रुपये अपने 9 अलग-अलग बैंक अकाउंट्स में ट्रांसफर करवा लिए.

9 नवंबर से 23 नवंबर तक उन्हें डिजिटल अरेस्ट रखने के बाद बदमाशों ने उनके गहने रखकर लोन लेकर रुपए ट्रांसफर करने को कहा, तब उन्हें समझ में आया कि उनके साथ फ्रॉड हो रहा है. इसके बाद वह पूरे घटनाक्रम की शिकायत करने पुलिस की साइबर सेल थाने पहुंचीं जहां शिकायत मिलते ही पुलिस ने उन सभी जो बैंक अकाउंट को फ्रीज कर दिया. जिनमें ठगी की रकम गई थी. लेकिन इसके पहले इन एकाउंट्स में से ज्यादातर रुपये अन्य बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए गए. अब उनकी जानकारी साइबर क्राइम सेल की टीम हासिल करने में जुटी है.

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डिजिटल अरेस्ट के इस मामले में सबसे बड़ी हैरानी की बात यह है की वंदना गुप्ता खुद हाईली एजुकेटेड हैं. वह खुद फाइनेंशियल इंस्टिट्यूट का काम करती हैं. इसके बावजूद वह नहीं समझ सकी कि उन्हें साइबर अपराधियों ने डिजिटल अरेस्ट किया है। शिकायत करने जाने पर जब साइबर सेल के अधिकारियों ने उनसे पूछा कि डिजिटल अरेस्ट के इतने मामले सामने आ रहे हैं क्या आपने मीडिया में नहीं देखे तो वंदना गुप्ता ने कहा कि वह ना तो न्यूज चैनल देखती हैं और ना ही अखबार पढ़ती हैं. इस वजह से उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है.

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