Indore: वेस्ट कलेक्शन मैनेजमेंट बना मिसाल, कंट्रोल रूम से की जाती है निगरानी, 800 गाड़ियों से 22 जोन में कलेक्ट होता है कचरा

Indore News: स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के सीईओ दिव्यांक सिंह का कहना है कि इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से इंटीग्रेटेड सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट किया जाता है. प्रत्येक वाहन की ट्रैकिंग जीपीएस के माध्यम से की जाती है
Indore's waste collection management system has become an example in the country

इंदौर का वेस्ट कलेक्शन मैनेजमेंट सिस्टम देश में बना मिसाल

Sheopur News: देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर लगातार सात बार सफाई में नंबर एक क्यों बना हुआ है, इसकी बड़ी वजह है इसका डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन का मैनेजमेंट. 800 से ज्यादा कचरा वाहन पूरे शहर का कचरा एकत्रित कर कलेक्शन सेंटर पर पहुंचाती हैं. जहां पूरे कचरे का ट्रीटमेंट किया जाता है. लेकिन ये वाहन ऐसे ही हर कहीं नहीं चले जाते हैं. इन पर कंट्रोल रूम से नजर रखी जाती है. यदि कोई भी कचरा गाड़ी अपने तय रूट से यहां-वहां हुई या तय समय से ज्यादा रुकी तो कंट्रोल रूम पर इसकी जानकारी पहुंच जाती है. इंदौर के कचरा कलेक्शन के लिए इंटीग्रेटेड सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के माध्यम से नजर रखी जाती है.

इंटीग्रेटेड सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट कंट्रोल रूम से रखी जाती है नजर

इंदौर नगर निगम को 22 अलग अलग जोन में बांटा गया है. हर एक जोन में वार्ड और जनसंख्या के अनुसार कचरा कलेक्शन वाहन लगाए गए हैं. शहर के 85 वार्ड में लगभग 800 कचरा कलेक्शन वाहन लगे हैं जो हर घर और दुकान से कचरा संग्रह करते हैं. लेकिन इन वाहनों पर इंटीग्रेटेड सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट कंट्रोल रूम से पूरी नजर रखी जाती है. यहां एक बड़ी स्क्रीन लगी है, जिस पर पूरे शहर के हर कचरा वाहन नजर आता है. इसके अलावा हर जोन के वाहन पर नजर रखने के लिए एक सिस्टम लगा है, जिस पर एक व्यक्ति नजर रखने के लिए तैनात रहता है. 3 शिफ्ट में इनके द्वारा काम किया जाता है.

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किसी भी प्रकार की दिक्कत आने पर सवाल किया जाता है

कचरा वाहन पर नजर रखने वाले कर्मचारी तय समय से अधिक रुकने या तय रूट से वाहन के हटते ही या ओवर स्पीड वाहन चलाने पर वाहन चालक को कॉल कर उससे वजह पूछते हैं. इसकी वजह से वाहन चालक और हेल्पर को भी पता रहता है कि तय समय पर उन्हें कचरा लेने पहुंचना है. हालांकि जो ड्राइवर और हेल्पर कचरा कलेक्ट करते हैं. वो भी अपने काम को बड़ी जिम्मेदारी मानते हैं. उन्हें पता रहता है कि लोग उनका इंतजार करते हैं. इस वजह से समय पर पहुंचना पड़ता है. जब इंदौर स्वच्छता में नंबर एक आता है तो उन्हें भी बड़ा गर्व होता है.

‘इंदौर का मॉडल सबसे सफल’

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के सीईओ दिव्यांक सिंह का कहना है कि इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से इंटीग्रेटेड सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट किया जाता है. प्रत्येक वाहन की ट्रैकिंग जीपीएस के माध्यम से की जाती है. स्मार्ट सिटी के अंतर्गत चलने वाले इस मैनेजमेंट को लेकर उन्होंने कहा कि इसका शहर को बहुत फायदा मिल रहा है. इस सिस्टम का संचालन देश में सबसे सफल तरीके से इंदौर ही कर रहा है. देश के कई शहर यह सिस्टम समझने के लिए हमारे पास आते हैं.

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