International Men’s Day: भोपाल में बढ़ रहे पुरुष प्रताड़ना के मामले, ‘भाई’ हेल्पलाइन पर दर्ज हुईं एक साल में 4640 शिकायतें
सांकेतिक तस्वीर
Bhai Helpline Bhopal: हर साल 19 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस के रूप में मनाया जाता है. ये दिन पुरुषों के सम्मान, योगदान, मेहनत और संघर्ष को याद दिलाने के लिए मनाया जाता है. इस बार अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस की थीम ‘पुरुषों और लड़कों का समर्थन’ रखी गई है. इसके पीछे शहर में पुरुष प्रताड़ना से जुड़े मामलों में तेज बढ़ोतरी बड़ा कारण बनी है. पुरुष सहायता संगठन ‘भाई’ की हेल्पलाइन पर इस साल अब तक 4640 शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं, जो पिछले वर्ष की 2125 शिकायतों की तुलना में दोगुनी से भी ज्यादा हैं.
मामले बढ़ने के बाद संस्था अब पुरुषों के समर्थन, जागरूकता और मानसिक सहारे के लिए प्रदेशभर में कई गतिविधियां कर रही है. बुधवार को चिनार पार्क में उन पुरुषों की याद में कैंडल जलाकर श्रद्धांजलि दी जाएगी, जिन्होंने वैवाहिक प्रताड़ना से परेशान होकर जान दे दी. इसके साथ ही जागरूकता अभियान, जनसभा, कानूनी मार्गदर्शन और स्वास्थ्य जांच शिविर भी लगाए जाएंगे.
सेव इंडिया फैमिली की सहयोगी संस्था करती है पीड़ित पुरुषों की सहायता
सेव इंडिया फैमिली की सहयोगी संस्था ‘भोपाल अगेंस्ट इनजस्टिस (भाई)’ द्वारा संचालित हेल्पलाइन 8882498498 पर बड़ी संख्या में पुरुष और उनके परिवारजन मदद मांग चुके हैं. संस्था के संस्थापक सदस्य ज़की अहमद के मुताबिक संगठन घरेलू हिंसा अधिनियम के दुरुपयोग से पीड़ित पुरुषों को कानूनी सहायता प्रदान कर रहा है. इस दौरान कई ऐसे मामलों में मदद दी गई है, जिनमें विवाहिक विवादों के बाद पुरुषों पर दहेज प्रताड़ना या अन्य गंभीर आरोप लगाए गए.
भोपाल में सामने आए पुरुष प्रताड़ना के मामले
एक मामले में करोंद निवासी सौरभ पर शादी के एक साल बाद दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज हुआ था, बाद में तलाक हुआ और कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया. अब उनकी पूर्व पत्नी दोबारा शादी को लेकर दबाव बना रही है और हर नया रिश्ता टूटवा देती है.
वहीं, दूसरे मामले में सुरेश का कहना है कि पत्नी ने शादी से पहले जुड़वां बच्चों के जन्म की बात छिपाई और अब तलाक के बदले 25 लाख रुपए मांग रही है. वहीं एक अन्य प्रकरण में हरीश की पत्नी ने शादी के छह महीने बाद दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज करा दिया और अब भरण-पोषण के साथ संपत्ति में हिस्सा भी चाहती है, जबकि जानकारी के अनुसार वह पहले पति के साथ भी ऐसा कर चुकी है.
सुप्रीम कोर्ट ने धारा 498ए के मामलों में जांच तक गिरफ्तारी पर लगाई रोक
संस्था के लगातार प्रयासों के बाद सुप्रीम कोर्ट ने धारा 498ए के मामलों में बिना जांच गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. घरेलू हिंसा से जुड़े मामलों में डीआईआर भरना अब अनिवार्य कर दिया गया है, ताकि बिना जांच किसी को तुरंत गिरफ्तार न किया जाए.