MP News: खंडवा-खरगोन हो सकते हैं इंदौर संभाग से अलग, भोपाल में होंगी 4 नई तहसीलें, रीवा-मैहर के 6 गांवों पर विवाद

MP News: सीमांकन को सटीक और वैज्ञानिक बनाने के लिए आयोग ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन (IIPA) की तकनीकी सहायता लेने का निर्णय लिया है.
Map of Madhya Pradesh

मध्‍य प्रदेश मैप

MP News: मध्य प्रदेश का नक्शा एक बार फिर बदलने जा रहा है. प्रदेश में तीन नए जिले और एक नया संभाग गठित करने की तैयारी शुरू हो चुकी है, जिससे कई जिलों की सीमाएं नए सिरे से तय होंगी. इस पुनर्गठन का सबसे ज्यादा असर राजधानी भोपाल, रीवा और हाल ही में बने मैहर जिले पर देखने को मिल सकता है. भोपाल में अब हर विधानसभा क्षेत्र में एक तहसील बनने का रास्ता साफ हो गया है, जिससे जिले में कुल आठ तहसीलें होंगी.

वहीं, मैहर के छह गांवों को रीवा जिले में शामिल करने के प्रस्ताव से विवाद खड़ा हो गया है. यह पूरा काम पिछले साल सितंबर में गठित प्रशासनिक पुनर्गठन आयोग की देखरेख में हो रहा है, जिसका लक्ष्य दिसंबर 2025 तक मैदानी सर्वे का कार्य पूरा करना है.

आयोग ने 25 जिलों में किया सर्वे

जनगणना महानिदेशालय के निर्देश के अनुसार, तय समय के बाद प्रशासनिक सीमाओं में बदलाव नहीं किया जा सकेगा. अब तक आयोग 25 जिलों में सर्वे और बैठकें कर चुका है और शेष जिलों में आगामी तीन महीनों में यह प्रक्रिया पूरी करने की योजना है. सीमांकन को सटीक और वैज्ञानिक बनाने के लिए आयोग ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन (IIPA) की तकनीकी सहायता लेने का निर्णय लिया है. IIPA ड्रोन और सैटेलाइट तकनीक की मदद से सर्वे रिपोर्ट तैयार करेगा, लेकिन अंतिम फैसला तकनीकी रिपोर्ट के साथ नागरिकों और जनप्रतिनिधियों से मिले सुझावों को ध्यान में रखकर लिया जाएगा.

राजधानी भोपाल बनेगी 4 नई तहसीलें

राजधानी भोपाल में मौजूदा तीन तहसीलें है जिसमें हुजूर, कोलार और बैरसिया शामिल है. लेकिन अब इनके अलावा पांच नई तहसीलें बनाई जाएंगी. इनमें शहर (पुराना भोपाल), संत हिरदाराम नगर (बैरागढ़), गोविंदपुरा, टीटी नगर और एमपी नगर शामिल होंगे. यह सीमांकन विधानसभा क्षेत्रों को ध्यान में रखकर किया जाएगा ताकि प्रशासनिक कार्यप्रणाली और राजनीतिक इकाइयों में बेहतर तालमेल स्थापित हो सके.

रीवा और मैहर सीमा पर विवाद की स्थिति

वहीं, रीवा और मैहर की सीमा पर विवाद की स्थिति बनी हुई है. आयोग ने अमरपाटन तहसील के छह गांव जिसमें मुकुंदपुर, धौबाहट, अमीन, परसिया, आनंदगढ़ और पापरा को रीवा में शामिल करने का प्रस्ताव दिया है. इसका कारण यह बताया गया है कि मुकुंदपुर में स्थित महाराजा मार्तंड सिंह जूदेव व्हाइट टाइगर सफारी भौगोलिक रूप से रीवा के अधिक निकट है. स्थानीय लोग भी लंबे समय से प्रशासनिक सुविधा के लिए रीवा में शामिल होने की मांग कर रहे हैं.

नए जिलों के नाम आए सामने

राज्य में बनने वाले नए जिलों में पिपरिया और बीना के नाम प्रमुखता से सामने आए हैं. नर्मदापुरम जिले से अलग होकर पिपरिया को नया जिला बनाए जाने की मांग कई वर्षों से चल रही है, जबकि बीना को जिला बनाने की कोशिश करीब चार दशक पुरानी है. बीना को जिला घोषित किए जाने पर इसमें खुरई, मालथौन, बांदरी, कुरवाई, पठारी और प्रस्तावित खिमलासा तहसील शामिल की जा सकती हैं.

ये भी पढे़ं- भोपाल में Salesforce प्रोफेशनल्स का पहला Technical Meetup, आईटी इंडस्ट्री के भविष्य पर हुई चर्चा

प्रदेश में नया संभाग बनेगा निमाड़

इसके साथ ही, प्रदेश में निमाड़ को 11वें संभाग के रूप में विकसित करने की तैयारी भी चल रही है. जिसके चलते इंदौर संभाग में शामिल चार जिले, खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर और खंडवा को मिलाकर इंदौर संभाग से अलग करके नया निमाड़ संभाग बनाया जा सकता है. इससे इंदौर संभाग का आकार घटेगा और चारों जिलों की प्रशासनिक निगरानी एवं राजस्व अपीलों की सुनवाई खरगोन में ही हो सकेगी. इससे अफसरों और नागरिकों दोनों को सुविधा मिलेगी और प्रशासनिक दक्षता में वृद्धि होगी.

ज़रूर पढ़ें