खंडवा के एक ही परिवार की दो बेटियों ने किया कमाल, बड़ी बेटी ने तय किया नाव से नेवी तक का सफर, छोटी ने जीता ब्रांज मेडल

Khandwa News: खंडवा के एक छोटे से गांव सिंगाजी की दो बेटियां देश और विदेश में मध्य प्रदेश का नाम रोशन कर रही हैं. कावेरी और दीपिका कैनो कायाकिंग गेम्स में सफलता के नए आयाम तय कर रही हैं.
Khandwa Collector honored Kaveri and Deepika

खंडवा कलेक्टर ने कावेरी और दीपिका को सम्मानित किया

Khandwa News: मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के छोटे से गांव सिंगाजी के एक गरीब परिवार की दो बेटियों ने प्रदेश और देश का नाम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है. छह बहने और दो भाइयों के बड़े परिवार से निकलकर इस परिवार की दो बहनों ने कैनो कायाकिंग गेम्स को चुना और उसमें लगातार सफलता हासिल करती रहीं. जिसके बाद अब इनमें से बड़ी बहन कावेरी ने जहां 57 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मेडल के साथ इंडियन नेवी में रहकर देश की सेवा कर रही हैं, तो वहीं उनकी छोटी बहन दीपिका ने हाल ही में थाइलैंड में हुई एशियन चैम्पियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया है. जिसके बाद मंगलवार यानी 24 जून की दोपहर दोनों बहनें जिला कलेक्टर से मिलने पहुंचीं थीं, जहां खंडवा कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने दोनों ही बहनों का सम्मान किया.

कावेरी ने अबतक 47 गोल्ड मेडल जीते

बचपन में पिता का हाथ बंटाने के लिए नाव चलाकर मछली पकड़ने वाली बेटी कावेरी ढीमर ने कायाकिंग कैनो खेल में साल 2016 से भोपाल की स्टेट गेम्स एकेडमी से कदम रखा था. उन्होंने अब तक नेशनल चैंपियनशिप में 45 गोल्ड, 6 सिल्वर और तीन ब्रॉन्ज मेडल हासिल किए हैं तो वही उनके साथ अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में सीनियर रैंक में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया है. साथ ही अब तक 6 से 7 इंटरनेशनल प्रतिस्पर्धाओं में देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं. वहीं अब उनका अगला टारगेट एशियन गेम्स का है. जिसको लेकर फिलहाल उत्तराखंड में कैंप जारी है, जहां वे देश का नाम रोशन करने के लिए प्रैक्टिस कर रही हैं.

‘बड़ी बहन को देखकर गर्व होता था’

वहीं हाल ही में थाइलैंड में देश के नाम ब्रॉन्ज मेडल दिलाने वाली दीपिका ढीमर ने बताया कि पहले तो वे गांव में रहकर मछली पकड़कर पिता का हाथ बंटाती थीं. इस दौरान उनकी बड़ी बहन गेम्स खेलतीं थीं, जिन्हें देख उन्हें गर्व महसूस होता था. इस बीच जब बड़ी बहन ने उन्हें गेम्स में आने का सुझाव दिया तो वे भी तैयार हो गईं. अब वे भी देश के लिए सारे नेशनल गेम्स में हिस्सा लेकर अपने गांव का नाम रोशन करना चाहती हैं.

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पिता ने सुनाई सफलता की कहानी

खंडवा कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर दीपिका और कावेरी के पिता रणछोड़ ढीमर ने दोनों बेटियों की सफलता की कहानी सुनाई. उन्होंने बताया कि बेटियां सिंगाजी गांव में नाव से मछली पकड़ती थीं. इस दौरान स्थानीय जन प्रतिनिधियों ने उनका साथ दिया और उन्हें रास्ता दिखाया. तब बेटियों ने ट्रायल दिया और इसमें पास होकर उनका एडमिशन हुआ. अब उनके लिए यह बहुत खुशी की बात है कि उनकी दो-दो बेटियां इंटरनेशनल गेम्स खेल चुकी हैं.

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