MP News: उज्जैन का लैंड पूलिंग एक्ट निरस्त, BJP विधायक और किसानों की नाराजगी के बाद सरकार ने वापस लिया फैसला
उज्जैन में बीजेपी विधायक और किसानों के विरोध के बाद लैंड पूलिंग एक्ट निरस्त किया गया.
MP News: उज्जैन में कई दिनों से चल रहे विवाद के बीच लैंड पूलिंग एक्ट निरस्त कर दिया गया है. बीजेपी विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा और भारतीय किसान संघ काफी समय से इसका विरोध कर रहे थे. भारी विरोध को देखते हुए लैंड पूलिंग एक्ट पूरी तरह से निरस्त कर दिया गया है.
क्या था लैंड पूलिंग एक्ट और क्यों बना विवाद का कारण
लैंड पूलिंग एक्ट के तहत शहरी विकास और योजनाओं के लिए किसानों और जमीन मालिकों से भूमि लेकर उसे विकसित करने और बाद में उसका हिस्सा लौटाने की व्यवस्था की गई थी. उज्जैन में इस कानून को लेकर यह आरोप लगते रहे कि जमीन के बदले मिलने वाले लाभ स्पष्ट नहीं हैं और जमीन मालिकों को अपनी भूमि पर नियंत्रण खोने का डर है. कई लोगों का कहना था कि इस व्यवस्था से उन्हें अपेक्षित मुआवजा या विकसित जमीन समय पर नहीं मिल पा रही थी, जिसके कारण विरोध के स्वर लगातार तेज थे.
बीजेपी विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा ने किया था विरोध
उज्जैन सिंहस्थ क्षेत्र में जमीनों के स्थाई अधिग्रहण को लेकर लाया गया लैंड पूलिंग एक्ट का लगातार विरोध हो रहा था. इसका सबसे ज्यादा विरोध खुद बीजेपी विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा ने किया था. इसके बाद भारतीय किसान संघ भी विरोध में शामिल हो गया था.
‘व्यवहारिक रूप से लैंड पूलिंग एक्ट सफल नहीं हो पाया’
सरकार की ओर से कहा गया कि उज्जैन के संदर्भ में लैंड पूलिंग एक्ट व्यावहारिक रूप से सफल नहीं हो पाया. सरकार ने माना कि जमीन से जुड़े मामलों में पारदर्शिता और भरोसा सबसे अहम होता है, और यदि किसी कानून को लेकर लोगों में भ्रम और असंतोष बना रहे तो उस पर पुनर्विचार जरूरी हो जाता है. इसी आधार परसरकार ने उज्जैन के लिए लागू इस एक्ट को समाप्त करने का फैसला लिया.
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