MP News: सिर्फ तारीख पर तारीख, फिल्म दामिनी जैसी हुई लटेरी जांच आयोग की स्थिति, आदिवासी युवक की हुई थी मौत
MP News: मध्य प्रदेश में लटेरी गोली कांड का सिलसिला फिल्म दामिनी की तरह ही चल रहा है. सिर्फ तारीख पर तारीख बढ़ाई जा रही है. जबकि न्याय दिलाने के लिए आयोग का गठन किया गया है. लेकिन इसके बावजूद सिर्फ तारीख ही आयोग के अध्यक्ष की बढ़ाई जा रही है. पिछले 2 सालों के अंदर पांच बार लटेरी कांड में जांच कर रहे हैं. अध्यक्ष का कार्यकाल बढ़ाया गया. हैरत की बात है कि इसमें सामान्य प्रशासन की भी भूमिका संदिग्ध है.
दरअसल लटेरी कांड के बाद आयोग का गठन किया गया. इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग की लापरवाही उजागर हुई. विभाग की ओर से हाई कोर्ट के पूर्व जज के पुराने आवास पर जानकारी भेजी गई. इस मामले का खुलासा होने के बाद उनके दूसरे पते पर जांच करने के संबंध में भी पत्र भेजा गया. पत्र मिलने के बाद आयोग के अध्यक्ष वीपीएस चौहान ने जांच शुरू की. वहीं इस मामले में बंद कर्मियों से भी बयान लिए जा चुके हैं. घटना से जुड़े हुए कुछ और सदस्यों ने अब तक जानकारी नहीं दी है. जिसके बाद आयोग का कार्यकाल लगातार बढ़ाया जा रहा है.
पूरी नहीं हुई जांच, इसलिए बढ़ी तारीख
बता दें की घटना के बाद 8 दिसंबर 2022 को आयोग का गठन किया गया. इसके बाद फिर 27 अक्टूबर 2023 को जांच के दायरे को बढ़ा दिया गया. जबकि 6 नवंबर 2023 में भी संशोधन कर तारीख बढ़ाई गई. फिर 22 फरवरी तक जांच पूरी नहीं हो पाई. इसलिए 22 जून तक आयोग का एक्सटेंशन बढ़ाया गया.
क्या है पूरा मामला
9 अगस्त 2022 की बात है, जब आदिवासी और वनकर्मियों का आमना-सामना हुआ. जंगल से सागौन चोरी को रोकने पर दोनों पक्षों में मारपीट हुई. इसके बाद बचाव में वन विभाग में फायरिंग की. जिसमें एक आदिवासी युवक की मौत हो गई और तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. इस घटना के बाद सरकार ने तत्कालीन डीएफओ को हटा दिया. वहीं डिप्टी रेंजर की गिरफ्तारी हुई. मामले ने तूल पकड़ते ही सरकार ने आयोग का गठन कर दिया. वहीं डिप्टी रेंजर की गिरफ्तारी से नाराज बंद कर्मियों ने हड़ताल कर दी. वहीं सरकार को आखिरकार आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति करनी पड़ी और समय सीमा में जांच करने के निर्देश दिए.