क्या लोकसभा चुनाव में कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा या फिर विदिशा से ताल ठोकेंगे शिवराज? अटकलें तेज

पिछले साल विधानसभा चुनाव में बंपर जीत के बाद मध्य प्रदेश में बीजेपी नेतृत्व ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को रिप्लेस कर दिया था.
शिवराज सिंह चौहान

शिवराज सिंह चौहान ( फाइल फोटो)

Lok Sabha Election 2024: बीजेपी पूरी तरह से लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है. दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन में कार्यकर्ताओं को गांव-गांव, शहर-शहर तक पहुंचने के लिए निर्देश दिया गया था. पीएम मोदी ने  NDA के लिए 400 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. सूत्रों के मुताबिक, पार्टी अभी उम्मीदवारों के नाम फाइनल करने की रणनीति पर काम कर रही है. इसी क्रम में आज मध्य प्रदेश के बीजेपी कार्यालय में चुनाव प्रबंधन समिति की बैठक हुई. जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में होशंगाबाद, नरसिंहपुर, मुरैना, सीधी, विदिशा और छिंदवाड़ा लोकसभा सीट के लिए उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा की गई. कहा जा रहा है कि सांसद से विधायक बने पार्टी नेताओं की सीट पर उम्मीदवार चयन के लिए केंद्रीय नेतृत्व निर्णय करेगा.

सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान को विदिशा लोकसभा सीट से मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है. हालांकि, अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि शिवराज सिंह चौहान चुनाव लड़ेंगे या नहीं? अगर लड़ेंगे तो कहां और किस सीट से लड़ेंगे?

विदिशा में बीजेपी का दबदबा

भाजपा के रमाकांत भार्गव विदिशा निर्वाचन क्षेत्र के मौजूदा सांसद हैं. विदिशा लोकसभा सीट पर 2019 में उन्होंने 5,03,084 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी. उन्होंने कांग्रेस के शैलेन्द्र रमेशचंद्र पटेल को हराया. रमाकांत भार्गव को 8,53,022 वोट मिले. विदिशा लोकसभा क्षेत्र मध्य प्रदेश के आसपास के क्षेत्र में आता है. विदिशा लोकसभा क्षेत्र में खातेगांव, सांची (एससी), इछावर, बासौदा, सिलवानी, विदिशा, बुधनी, भोजपुर विधानसभा क्षेत्र आते हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर 71.62% मतदान हुआ है.

बता दें कि विदिशा मध्य प्रदेश के बीचो बीच है. इस लोकसभा का ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व दोनों है. 14 लाख से ज्यादा आबादी वाले इस सीट पर आखिरी बार कांग्रेस 1984 में जीती थी. इसके बाद साल 1989 से  बीजेपी का दबदबा कायम है. इस बार कहा जा रहा है कि बीजेपी रमाकांत भार्गव का टिकट काटकर शिवराज सिंह चौहान को यहां से उम्मीदवार बना सकती है.

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छिंदवाड़ा पर शिवराज की नज़र

बता दें कि पिछले साल विधानसभा चुनाव में बंपर जीत के बाद मध्य प्रदेश में बीजेपी नेतृत्व ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को रिप्लेस कर दिया था. उनकी जगह पर मोहन यादव को नया सीएम बनाया गया. इसके बाद से ही शिवराज के अगले कदम की चर्चा तेज हो गई. शिवराज ने बंपर जीत के बाद जिस तरह से मुख्यमंत्री रहते हुए छिंदवाड़ा आकर अगले लोकसभा चुनाव में सभी 29 की 29 सीटें जीतने का दावा किया था, उससे यह कहा जा सकता है कि शिवराज की नजर भी छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर भी है. हालांकि, इसके बारे में अभी कोई पुख्ता जानकारी नहीं है.

शिवराज सिंह चौहान का राजनीतिक करियर

शिवराज सिंह चौहान बाबूलाल गौर की जगह लेने के बाद 2005 में पहली बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. वह दिसंबर 2018 तक सीएम रहे. इसके बाद चुनाव में कांग्रेस की बंपर जीत हुई. शिवराज को सीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ी. इसके बाद राज्य की सत्ता कांग्रेस ने कमलनाथ को सौंप दिया. हालांकि, राज्य में कांग्रेस सरकार अल्पकालिक रही और मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के विद्रोह के बाद शिवराज सिंह चौहान फिर से सीएम बने. वह मध्य प्रदेश के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्यमंत्री हैं.

बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान 2006 से  बुधनी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. उन्होंने 2008, 2013 और 2018 में भी क्रमशः कांग्रेस उम्मीदवारों महेश सिंह राजपूत, डॉ महेंद्र सिंह चौहान और अरुण सुभाषचंद्र यादव को हराकर सीट जीती. चौहान ने पहली बार 1990 में बुधनी का प्रतिनिधित्व किया था जब उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार हरि सिंह को 22,000 से अधिक मतों के अंतर से हराकर सीट जीती थी. चौहान ने 1991 (उपचुनाव), 1996, 1998, 1999 और 2004 में विदिशा लोकसभा क्षेत्र से जीत हासिल की. साल 1991 में जब अटल बिहारी वाजपेयी ने लखनऊ सीट बरकरार रखने के लिए विदिशा को छोड़ा, तो उपचुनाव में शिवराज सिंह चौहान ने बंपर जीत दर्ज की.

 

 

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