Coldrif कफ सिरप से मौतों पर सरकार सख्त, पर्चा लिखने वाले डॉक्टर प्रवीण सोनी सस्पेंड, अब तक 16 बच्चों की गई जान

MP News: परासिया अस्पताल में तैनात डॉक्टर प्रवीण सोनी पर कार्रवाई करते हुए सस्पेंड कर दिया गया है. डॉक्टर सोनी को पहले ही सस्पेंड कर दिया गया है. उनके खिलाफ BNS की अलग-अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है
Madhya Pradesh cough syrup case: 13 children dead so far, Dr Praveen Soni suspended

डॉक्टर प्रवीण सोनी सस्पेंड

MP News: मध्य प्रदेश में कफ सिरप से बच्चों की मौत का आंकड़ा 16 पहुंच गया है. राज्य सरकार लगातार कड़े एक्शन ले रही है. अब परासिया अस्पताल में तैनात डॉक्टर प्रवीण सोनी पर कार्रवाई करते हुए सस्पेंड कर दिया गया है. डॉक्टर सोनी को पहले ही सस्पेंड कर दिया गया है. उनके खिलाफ BNS की अलग-अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है.

रविवार को दो और बच्चों की मौत

कफ सिरप बच्चों के लिए काल बनते जा रही है. बच्चों की मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है. अब बच्चों की मौत का आंकड़ा 16 पहुंच चुका है. छिंदवाड़ा में 14 और बैतूल में 2 बच्चों की मौत हुई है. बैतूल जिले के आमला ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर ने खुलासा किया कि ग्राम जामुन बिछुआ निवासी ढाई साल के गर्मित और ग्राम कलमेश्वरा निवासी चार साल के कबीर यादव की कफ सिरप से मौत हुई है. दोनों बच्चों का इलाज छिंदवाड़ा जिले के परासिया निवासी डॉ प्रवीण सोनी ने किया था.

बीएमओ ने बताया कि दरअसल बच्चों को बुखार आया था. दोनों अलग-अलग गांव से हैं. एक जामुन बिछिया से है और दूसरा कमलेश्वरा गांव से है. एक बच्चे की मौत 8 से 9 तारीख के बीच हुआ है. वहीं दूसरे बच्चे की मौत 10 तारीख को हुई. दोनों का इलाज अलग-अलग समय पर हुआ है. परिजनों ने बताया कि परासिया में डॉ सोनी को दिखाया था. इसके बाद किडनी खराब हुई. परिजनों ने बच्चों को दूसरे डॉक्टर्स को दिखाया, इसके बाद उन्हें किडनी फेल्योर डायग्नोसिस हुआ. बाद में उन्हें भोपाल रेफर कर दिया गया. उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले की रिपोर्ट जिला प्रशासन और सीएमएचओ के पास भेज दी है.

डॉक्टर सोनी की जबलपुर में होगी तैनाती

डॉक्टर प्रवीण सोनी को बर्खास्त कर दिया गया है. अब उन्हें क्षेत्रीय संचालक मुख्यालय, जबलपुर में स्वास्थ्य सेवाएं देनी होंगी. सस्पेंड ऑर्डर में लिखा है कि प्राइवेट प्रैक्टिस के दौरान डॉक्टर सोनी ने गंभीर लापरवाही बरती है. निलंबन के दौरान उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा.

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डायएथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा तय मानक से अधिक

किसी भी कफ सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा 0.1 फीसदी होनी चाहिए. बच्चों को जो कफ सिरप दी गई, उसमें 48.6 फीसदी डायएथिलीन ग्लाइकॉल थी जो किसी भी शख्स के लिए घातक है. राज्य सरकार ने ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप बनाने वाली कंपनी पर बैन लगा दिया है. श्रेषन फार्मास्यूटिकल्स, कांचीपुरम के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है.

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