MP News: सरकार का IAS संतोष वर्मा को नोटिस, 7 दिनों में मांगा जवाब, आईएएस ने ब्राह्मण समाज पर दिया था विवादित बयान
आईएएस संतोष वर्मा (फाइल तस्वीर)
MP News: IAS संतोष वर्मा द्वारा ब्राह्मण समाज पर की गई विवादित टिप्पणी के बाद मामले ने तूल पकड़ा लिया है. जहां एक ओर ब्राह्मण समाज उन पर कार्रवाई की मांग कर रहा है. वहीं, मध्य प्रदेश सरकार ने उन्हें कारण बताओ नोटिस देकर जवाब मांगा है. उन्हें सात दिनों के भीतर जबाव देना होगा. इसके साथ ही नोटिस में लिखा है कि समय पर उत्तर ना मिलने पर अखिल भारतीय सेवाएं (अनुशासन तथा अपील) नियम 1969 के तहत कार्रवाई की जाएगी.
राज्य सरकार ने माना अनुशासनहीनता हुई
संतोष वर्मा की बयानबाजी को राज्य सरकार ने अखिल भारतीय सेवाएं (आचरण) नियम 3(1), 3(2)(बी)(I)(II) के तहत अनुशासनहीनता माना है. इसके साथ ही उनकी टिप्पणी को स्वेच्छाचारिता एवं गंभीर कदाचरण श्रेणी का माना है.

क्या है पूरा मामला?
अजाक्स का प्रांतीय अधिवेशन रविवार (23 नवंबर) को आयोजित किया गया था. इस अधिवेशन को संबोधित करते हुए IAS अफसर संतोष वर्मा ने कहा था कि जब तक मेरे बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान ना कर दे या उसके साथ संबंध ना बना दे, तब तक आरक्षण मिलना चाहिए. इसी बयान के बाद मामले ने तूल पकड़ा था.
अफसर ने मांगी थी माफी
आईएएस अफसर ने विस्तार न्यूज़ पर अपने बयान को लेकर माफी मांगी थी. उन्होंने कहा था कि मेरे बयान में दान से मतलब कन्यादान से है. मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया. कुछ लोगों ने स्वार्थसिद्ध करने के लिए ऐसा किया. बयान को वायरल किया. मेरे 27 मिनट के भाषण में से 1-2 लाइन निकाल करके प्रचारित किया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मेरी टिप्पणी से किसी समाज को जाने-अनजाने में ठेस पहुंची है तो माफी मांगता हूं.
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केंद्रीय मंत्री ने जताई थी नाराजगी
केंद्रीय राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने IAS अफसर के विवादित बयान पर नाराजगी जताई थी. उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट करके लिखा था कि ऐसे लोग मानवीय संवेदनाओं की परीक्षा में भी फेल हो जाते हैं. बहन-बेटियाँ दान की वस्तु नहीं. ऐसी सोच निंदनीय है और यह हमारी सांस्कृतिक मर्यादाओं का अपमान है. सरकार इस मानसिक दिवालियेपन को किसी भी तरह बर्दाश्त नहीं करेगी.