लाडली बहना योजना की 28वीं किस्त के बीच इस स्कीम से भी महिलाओं को मिलेंगे पैसे, जानें पूरी डिटेल

MP News: 'एक बगिया मां के नाम' प्रोजेक्ट का लाभ लेने वाली स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का चयन एक बगिया मां के नाम एप से किया गया है. इस एप का निर्माण मनरेगा परिषद द्वारा MPSEDC के माध्यम से कराया गया है
Ladli Behna Yojana, Madhya Pradesh government will give money to women through Ek Bagiya Maa Ke Naam project

प्रतीकात्मक तस्वीर

MP News: इस महीने लाडली बहना योजना की 28वीं किस्त जारी की जाएगी. ये राशि 10 से 15 तारीख के बीच जारी हो सकती है, जिसका लाडली बहनों को बेसब्री से इंतजार होता है. इसी बीच महिलाओं को एक और खुशखबरी मिलने वाली है. मध्य प्रदेश सरकार ने एक नई परियोजना ‘एक बगिया मां के नाम’ (Ek Bagiya Maa Ke Naam) लेकर आई है, जिसके माध्यम से फलदार पौधे लगाने पर महिलाओं को पैसे मिलेंगे. इसके लिए रजिस्ट्रेशन शुरू किए गए हैं, जिसमें सबसे आगे खंडवा जिला है.

1000 करोड़ रुपये खर्च कर रही सरकार

मध्य प्रदेश सरकार ‘एक बगिया मां के नाम’ परियोजना के तहत फलदार वृक्षों का उद्यान तैयार करवा रही है. इस प् को लेकर राज्य की महिलाओं के बीच उत्साह दिखाई दे रहा है. दरअसल, राज्य सरकार स्वसहायता समूहों को फलदार वृक्ष लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. इसके लिए सेल्फ हेल्प्ड ग्रुप से जुड़ी महिलाओं को अपनी निजी भूमि पर फलदार पौधों और वृक्षों की बगिया तैयार करनी होगी.

सरकार इस योजना पर 1000 करोड़ रुपये की राशि खर्च कर रही है. इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को पौधे लगाने, खाद, पानी की व्यवस्था, फेंसिंग के कंटीले तार और सिंचाई के लिए 50 हजार लीटर का कुंड बनाने के लिए सरकार पैसे देगी.

40 हजार रजिस्ट्रेशन हुए

‘एक बगिया मां के नाम’ प्रोजेक्ट का लाभ लेने वाली स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का चयन एक बगिया मां के नाम एप से किया गया है. इस एप का निर्माण मनरेगा परिषद द्वारा MPSEDC के माध्यम से कराया गया है. हितग्राही महिलाओं का चयन एप के माध्यम से किया गया. चयनित महिला हितग्राही के नाम पर भूमि नहीं होने पर उस महिला के पति, पिता, ससुर या पुत्र की भूमि पर उनकी सहमति के बाद पौधारोपण किया जाएगा.

सरकार की ओर से निर्धारित किया गया था कि 31 हजार 300 महिलाओं को इस परियोजना का लाभ मिलेगा, लेकिन लक्ष्य से ज्यादा रजिस्ट्रेशन हो गया. अब तक 40 हजार से अधिक पंजीयन हो चुके हैं. राज्य के सभी जिलों के अंतर्गत आने वाले 313 ब्लॉक की 9 हजार 662 ग्राम पंचायतें शामिल हैं.

15 सितंबर तक चलेगा अभियान

‘एक बगिया मां के नाम’ परियोजना के तहत स्व सहायता समूह की महिलाओं की निजी भूमि पर पौधे लगाने का काम 15 अगस्त को शुरू कर दिया गया था. ये 15 सितंबर तक जारी रहेगा. सिपरी सॉफ्टवेयर के माध्यम से इसकी देखरेख की जाएगी. मध्यप्रदेश इलेक्ट्रिक डेव्हलेपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा ड्रोन के जरिए मॉनिटिरिंग की जा रही है.

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30 लाख फलदार पौधे लगाने का लक्ष्य

इस परिजोयना के तहत स्व सहायता समूह की महिलाओं की निजी भूमि पर 30 लाख से अधिक फलदार पौधे लगाने का लक्ष्य है. ये महिलाओं के लिए आर्थिक समृद्धि का आधार बनेंगे. ‘एक बगिया मां के नाम’ का कार्य सही ढंग से हो रहा है या नहीं, इसके लिए पर्यवेक्षण के लिए डैशबोर्ड तैयार किया गया है. इसके साथ ही उन जिलों को सम्मानित किया जाएगा, जिन्होंने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है.

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