नामों के बदलाव पर शुरू हुई सियासत, कांग्रेस ने उठाए CM मोहन यादव के फैसले पर सवाल
Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में एक बार फिर नाम बदलने पर सियासत शुरू हो गई है. CM डॉ. मोहन यादव ने रविवार को उनके गृह जिले उज्जैन के कई गांवों के नाम बदलने का ऐलान किया. इसके बाद आज सोमवार को भी शाजापुर जिले के 11 गांवों के नाम बदलने की घोषणा की. अब इसे लेकर कांग्रेस का विरोध शुरू हो गया है.
उज्जैन के 3 गांवों के बदले नाम
रविवार को CM डॉ. मोहन यादव ने उज्जैन दौरे के दौरान 3 गांवों के नाम बदलने का ऐलान किया. इस ऐलान के बाद मोहम्मदपुर का मोहनपुर, हाजीपुर का हीरापुर और हिसामुद्दीन गांव का नाम रुपानिया देव कर दिया जाएगा.
नाम बदलने की जगह विकास हो- नेता प्रतिपक्ष
CM मोहन यादव द्वारा नाम बदलने का ऐलान के बाद मध्य प्रदेश में सियासत शुरू हो गई है. इसे लेकर MP विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार सामने आए और उन्होंने BJP पर हमला बोलते हुए कहा कि गांव के नाम बदलने की बजाय विकास का काम किया जाए. उज्जैन में अगर गांव के नाम बदल रहे हैं तो जमीनों की रजिस्ट्री बदल रही है . जमीनों की रजिस्ट्री किसके नाम पर हो रही है उज्जैन के लिए एक बड़ा सवाल है.
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नियमों का नहीं हो रहा पालन- हेमंत कटारे
इस पूरे मामले को लेकर उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे का भी बयान सामने आया है. हेमंत कटारे ने कहा कि नाम बदलने की राजनीति हो रही है, लेकिन क्या नियम है क्या मापदंड ये किसी को नहीं पता.
पहले भी नाम बदल चुके हैं CM मोहन यादव
कुछ दिनों पहले भी उज्जैन से ही सीएम ने तीन गांवों के नाम बदलने का ऐलान किया था. तब सीएम का एक बयान भी चर्चा में था, जिसमें वह कहते नजर आए थे-‘मौलाना नाम खटकता है, लिखो तो पेन अटकता है.’
और तेज होगी नाम बदलने पर सियासत
CM मोहन के लगातार गांवों के नाम बदलने से राजनीतिक गलियारों में सरगर्मियां बढ़ी हुई हैं. एक तरफ BJP जहां सुधार करने इतिहास की गलतियों को ठीक करने की बात कहती है तो कांग्रेस इसे BJP की राजनीति बता रही है. लेकिन ये तय है कि आने वाले दिनों में नाम बदलने की पॉलिटिक्स मध्य प्रदेश में जोर पकड़ने वाली है.