MP News: मध्य प्रदेश में आवारा कुत्तों का आतंक, दो महीने में सैकड़ों लोगों को बनाया निशाना
MP News: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में लोग आवारा कुत्तों के आतंक से परेशान हैं. स्थानीय निवासी आए दिन इन कुत्तों का शिकार हो रहे हैं. हाल ही में 7 महीने की मासूम की कुत्ते के काटने से मौत हो गई. ये मंजर इतना खौफनाक था कि आपके सुनकर रोंगटे खड़े हो जाएंगे. मासूम के शव को देखकर ही पता चलता है कि कुत्ते ने कितने खतरनाक तरीके से उसे अपना शिकार बनाया. वो मासूम को घसीटकर ले गया और बच्चे का एक हाथ पूरा खा गया, कुत्ते ने बच्चे का सिर और पेट भी नोंच डाला. बाद में बच्चे का शव बरामद हुआ था. यह घटना अयोध्या बाईपास स्थित मीनाल रेसीडेंसी के गेट नंबर 5 के पास की बताई जा रही है. सोशल मीडिया पर वीडियो सामने आने के बाद ये घटना उजागर हुई.
पार्क में बच्चे को सुलाकर चली गई थी मां
आदमपुर छावनी के रहने वाले महेंद्र वाल्मीकि और उनकी पत्नी मीनाल रेसीडेंसी में साफ-सफाई का काम करते हैं. बच्चे के मां-बाप छत्री पार्क के पास काम कर रहे थे. इस दौरान उनकी बड़ी बेटी और 7 महीने का बच्चा पार्क में था. मां ने दूध पिलाने के बाद बच्चे को सुला दिया था और बड़ी बेटी उसके पास थी. लेकिन वह खेलते-खेलते वहां से दूर चली गई. जब वह लौटी तो बच्चा वहां से गायब था. बच्चे को गायब देखकर बेटी ने माता-पिता को बताया. इसके बाद बच्चे की खोजबीन शुरू हुई. लोगों ने कुत्तों को बच्चे का शव नोंचते देखा और तुरंत परिजनों को इसकी जानकारी दी.
हालांकि ये कोई पहला मामला नहीं है जब कुत्ते का आतंक देखने को मिला है. इससे पहले भी 9 जनवरी की रात एक आवारा कुत्ते ने एमपी नगर जोन वन स्थित प्रेस कॉम्प्लेक्स में 21 लोगों को काटा है. कुत्ते के हमले में घायल हुए लोग एक के बाद एक नजदीकी जेपी अस्पताल पहुंचे. बताया जा रहा है कि घायलों की संख्या अधिक होने से यहां रेबीज के इंजेक्शन भी कम पड़ गए थे.
अन्य कुत्तों को भी काटा
जेपी अस्पताल में मौजूद डॉक्टर के अनुसार, एक के बाद एक लोग कुत्ते के काटने के शिकार होकर आ रहे थे. 16 लोगों की एंट्री तो रजिस्टर में है, जबकि पांच लोग बिना एंट्री कराए ही चले गए थे. काले रंग का यह कुत्ता पागल हो गया था और लोगों को अपना शिकार बना रहा था. बताया जा रहा है कि इस कुत्ते ने अन्य 7-8 कुत्तों को भी काटा है.
दूसरे कुत्तों में भी फैल सकता है संक्रमण
ऐसे में आशंका है कि इन कुत्तों में भी रेबीज का संक्रमण फैल सकता है. समय रहते ही इन कुत्तों का इलाज नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में ये कुत्ते भी लोगों के लिए खतरा बन सकते हैं. वहीं इससे पहले गुना में एक दिन में कुत्तों ने 21 लोगों को अपना शिकार बनाया था, जबकि बीते नवंबर के महीने में इन आवारा कुत्तों के काटने से 561 लोग अस्पताल पहुंचे थे. इतना सब होने के बाद भी नगर निगम के अधिकारी खामोशी बनाकर बैठे हुए हैं.