MP News: …तो इसलिए चीता कॉरिडोर पर MP ने लिया यू टर्न, राजस्थान के साथ MoU टाला
चीता
MP News: मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच विकसित किए जाने वाले चीता कॉरिडोर को लेकर हाल ही में विवाद सामने आया है. दोनों राज्यों के बीच इस परियोजना के लिए एमओयू पर साइन होना था, लेकिन मध्य प्रदेश ने अचानक इस योजना से पीछे हटने का निर्णय लिया है. मध्य प्रदेश के अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल इस कॉरिडोर की कोई आवश्यकता नहीं है, जबकि राजस्थान ने मध्य प्रदेश को एमओयू पर फिर से सहमति देने का अनुरोध किया है.
कालीसिंध-चंबल लिंक प्रोजेक्ट के दौरान हुई थी चर्चा
दरअसल, 30 जून 2024 को भोपाल में पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक प्रोजेक्ट के दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भोपाल आए हुए थे. इस दौरान दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच चीता कॉरिडोर को लेकर चर्चा हुई थी. इस पहल की शुरुआत मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने की थी. जिन्होंने राजस्थान के सीएम से कहा था. टाइगर हम संभालेंगे और चीता आप संभालो. इसके बाद राजस्थान ने इस कॉरिडोर पर तेजी से काम शुरू किया और वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट से सर्वे कराकर इसे आगे बढ़ाने की कोशिश की.
वन विभाग अधिकारी बैठक में नहीं हुए शामिल
जानकारी के अनुसार बताया गया कि 23 जून 2025 को राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई 15 वीं स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठक में मध्य प्रदेश के वन विभाग के अधिकारी शामिल नहीं हुए. राजस्थान की ओर से बैठक से दो दिन पहले प्रदेश के अधिकारियों को बैठक और एमओयू की जानकारी दी गई थी, लेकिन अब अचानक मध्य प्रदेश की तरफ से ठोस समर्थन नहीं मिल रहा है. राजस्थान सरकार कॉरिडोर के लिए एमपी के अफसरों के साथ एमओयू साइन कराना चाहती थी.
एमओयू पर फिर सहमति की जताई उम्मीद
राजस्थान के वन विभाग की प्रमुख शिखा मेहरा ने बताया कि 23 जून के बैठक में मध्य प्रदेश के अधिकारी बैठक में नहीं आए, जब उनसे संपर्क किया गया तो पता चला कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री की तरफ से इस योजना पर आपत्ति है. राजस्थान ने मध्य प्रदेश से फिर से संपर्क किया है और एमओयू पर सहमति की उम्मीद जताई है.
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पीछे हटने का कारण
जानकारी के अनुसार पता चला है कि मध्यप्रदेश के अधिकारियों के अचानक पीछे हटने का मुख्य कारण यह है कि चीते अपने आप ही अपनी यात्रा कर रहे हैं. पिछले डेढ़ साल में तीन चीते राजस्थान के तीन जिलों तक पहुंच चुके हैं. कूनो राष्ट्रीय उद्यान की टीम को उन्हें वापस लाना पड़ा है. इसी अगस्त में मादा चीता ‘ज्वाला’ कूनो से निकलकर चंबल नदी पार कर राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले में चली गई थी, जहां से उसे रेस्क्यू कर वापस लाना पड़ा.